केंद्र सरकार को झटका, मूडीज ने 2020 में भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 0.2 प्रतिशत किया, क्रिसिल ने कहा-1.8 %
By भाषा | Published: April 28, 2020 09:33 PM2020-04-28T21:33:45+5:302020-04-28T21:33:45+5:30
केंद्र सरकार को झटका पर झटका मिल रहा है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने 2020 में वृद्धि अनुमान को घटाकर 0.2 प्रतिशत कर दिया है। वहीं क्रिसिल ने 1.8 प्रतिशत कर दिया है।
नई दिल्लीः मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को पंचांग वर्ष 2020 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 0.2 प्रतिशत कर दिया, जबकि मार्च में उसने इसके 2.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई थी।
मूडीज को उम्मीद है कि 2021 में भारत की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रह सकती है। मूडीज ने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21 (अप्रैल 2020 में अद्यतन)’ में 2020 के दौरान जी20 देशों की वृद्धि दर के अनुमानों में 5.8 प्रतिशत की कमी की।
मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था के बंद होने की आर्थिक लागत तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि जी20 देशों की वृद्धि दर में सामूहिक रूप से 5.8 प्रतिशत की कमी होगी। यहां तक कि सुधार के बाद भी ज्यादातर अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर कोरोना वायरस महामारी से पहले वाले स्तर के मुकाबले कम रहने का अनुमान है।
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2020 में चीन की वृद्धि दर एक प्रतिशत रह सकती है। मूडीज ने कहा, ‘‘भारत ने देशव्यापी लॉकडाउन को 21 दिनों से बढ़ाकर 40 दिनों तक कर दिया, लेकिन अप्रैल के अंत में कृषि कार्यों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंधों में छूट दी है। देश ने यह सुनिश्चित किया कि उसके कई हिस्से वायरस से मुक्त रहें। भारत ने विभिन्न क्षेत्रों को खोलने के लिए चरणबद्ध योजना बनाई है।’’
घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने भारत की 2020- 21 की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को करीब आधा कम करते हुये 1.8 प्रतिशत कर दिया। एजेंसी ने कहा है कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिये लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को कुल मिलाकर 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से यह नुकसान 7,000 रुपयें तक बैठता है।
एजेंसी ने कोविड- 19 संकट के बीच सरकार की अबतक की नपीतुली प्रतिकिया की आलोचना की हैऔर कहा है कि सरकारी समर्थन में जबर्दस्त वृद्धि होनी चाहिये। एजेंसी ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (र्जीडीपी) में छह प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्ति किया था जिसे मार्च अंत में घटाकर 3.5 प्रतिशत और अब 1.8 प्रतिशत पर ला दिया गया है।
एक अन्य रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एण्ड रिसर्च (इंड- आरए) ने भी भारत की 2020- 21 की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को और घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है। यह पिछले 29 साल में सबसे कम वृद्धि होगी। केन्द्र सरकार ने हाल ही में कोविड- 19 से प्रभावित गरीब जनता को समर्थन देने के लिये 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया है। इस पैकेज की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि यह पैसा पहले से ही दिया जा रहा है, यह पूरी तरह से नया नहीं है। उधर, रिजर्व बैंक ने भी कुछ कदम उठाये हैं जिसमें ब्याज दर कम करने के साथ ही तरलता बढ़ाने के उपाय भी शामिल है।