मॉयल ने मध्य प्रदेश में मैंगनीज अयस्क खनन की संभावनाओं का पता लगाने के लिये समझौते किये
By भाषा | Published: June 25, 2021 07:04 PM2021-06-25T19:04:18+5:302021-06-25T19:04:18+5:30
नयी दिल्ली, 25 जून सार्वजनिक क्षेत्र की मॉयल ने शुक्रवार को कहा कि उसने मध्य प्रदेश के चार जिलों में मैंगनीज अयस्क खनन की संभावनाओं का पता लगाने के लिये मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन लि. (एमपीएसएमसीएल) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये।
मॉयल ने एक बयान में कहा कि ये चार जिले बालाघाट, जबलपुर, झाबुआ और छिंदवाड़ा हैं।
बयान के अनुसार, ‘‘मॉयल ने मध्य प्रदेश के चार जिलों-बालाघाट, जबलपुर, झाबुआ और छिंदवाड़ा- में मैंगनीज अयस्क खनन की संभावनाओं का पता लगाने के लिये राज्य सरकार और मध्य प्रदेश स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन लि. (एमपीएसएमसीएल) के साथ सहमत पत्र पर हस्ताक्षर किये।’’
मॉयल ने कहा कि राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) के अध्ययन के आधार पर, कंपनी ने व्यापक स्तर पर क्षेत्र में काम किया है। इसके बाद निर्दिष्ट स्थलों पर भूवैज्ञानिक मानचित्रण, नमूना, पेट्रोलॉजिकल (चट्टानों का अध्यन) अध्ययन और रसायनिक विश्लेषण किये गये हैं।
कंपनी ने मध्य प्रदेश सरकार से क्षेत्र को खनन कार्यों के लिये आरक्षित किये जाने का आग्रह किया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा के अलावा) छूट नियम, 2016 के प्रावधान 67 (1) के तहत बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों में क्रमशः 850 वर्ग किमी और 487 वर्ग किमी क्षेत्र को खोज कार्यों के लिए आरक्षित किया है।
जबलपुर और झाबुआ के लिये आवेदन अभी प्रक्रिया में है।
इस्पात मंत्रालय के अधीन आने वाली मॉयल देश में मैंगनीज अयस्क की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी है।
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