मोदी सरकार की 59 मिनट में लोन की यह योजना बदल सकती है अर्थव्यवस्था की हालत, बैंकों ने बांटे 37000 करोड़ के कर्ज
By विकास कुमार | Updated: December 29, 2018 15:59 IST2018-12-29T13:57:11+5:302018-12-29T15:59:07+5:30
लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, लोन के लिए अभी तक कूल 1.31 लाख आवेदन आये हैं, जिसमें 1.12 लाख आवेदन को मंजूर कर लिया गया है. सरकारी बैंकों ने अभी तक कूल 37,412 करोड़ का लोन छोटे व्यापारियों को इस योजना के तहत दिया है.

मोदी सरकार की 59 मिनट में लोन की यह योजना बदल सकती है अर्थव्यवस्था की हालत, बैंकों ने बांटे 37000 करोड़ के कर्ज
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार लगातार सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लांच कर रही है. मीडिया में जहां सरकार के यूनिवर्सल बेसिक इनकम की चर्चा जोरों पर है, वहीं एक अन्य योजना ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में घोषणा किया था कि छोटे व्यापारियों को सरकार 59 मिनट के भीतर 1 करोड़ का लोन मुहैया करवाएगी. इसके लिए व्यापारियों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है. जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए यह व्यवस्था की गई है. यह स्कीम 2 नवम्बर को पीएम मोदी द्वारा लांच किया गया था.
लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, लोन के लिए अभी तक कूल 1.31 लाख आवेदन आये हैं, जिसमें 1.12 लाख आवेदन को मंजूर कर लिया गया है. सरकारी बैंकों ने अभी तक कूल 37,412 करोड़ का लोन छोटे व्यापारियों को इस योजना के तहत दिया है.
इस योजना का लाभ लेने के लिए सूक्ष्म एवं लघु उद्योग के व्यापारी जो जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड हैं, वो ‘psbloansin59minutes.com’पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
एमएसएमई(सूक्ष्म एवं लघु उद्योग) भारत की जीडीपी में 38 प्रतिशत का योगदान देता है. देश में सबसे ज्यादा 10 करोड़ रोजगार उत्पन्न करता है. देश के कूल निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान देता है. देश की अर्थव्यवस्था के लिए इस सेक्टर में जान डालना जरूरी था.
ऐसा कहा जा रहा था कि नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा मार इसी सेक्टर पर पड़ा था. कई सारे यूनिट बंद हो गए थे जिसका असर देश में रोजगार के अवसर पर पड़ा. नरेन्द्र मोदी ने अपने चुनावी वादों में प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार पैदा करने का वादा किया था, जिसमें वो कहीं न कहीं फेल होती हुई दिख रही थी.
सरकार के इस योजना से देश में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो सकती है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार उन योजनाओं पर ध्यान दे रही है जिसका सीधा असर रोजगार के उत्पादन पर पड़ेगा.