Meta Layoff: मेटा करने वाली है बड़ी छंटनी, अगले हफ्ते जाएगी 6000 कर्मचारियों की नौकरी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 19, 2023 14:08 IST2023-05-19T14:07:25+5:302023-05-19T14:08:37+5:30
मेटा इससे पहले भी नवंबर 2022 में 11,000 कर्मचारियों को निकाल चुकी है। इसके बाद मार्च 2023 में 10,000 नौकरियों में कटौती की घोषणा की। इन 10 हजार लोगों में से 4000 को पहले ही बाहर किया जा चुका है। अब बाकी बचे 6000 को मई महीने में ही निकालने की योजना है।

मेटा अगले हफ्ते लगभग 6000 कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रही है
नई दिल्ली: मार्क जुकरबर्ग के स्वामित्व वाली फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा अगले हफ्ते लगभग 6000 कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रही है। मेटा छंटनी के नवीनतम दौर को शुरू करने के लिए तैयार है। कंपनी के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष निक क्लेग ने कर्मचारियों और अन्य लोगों को एक बैठक के दौरान ये सूचित किया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में घोषणा की कि छंटनी का अगला दौर मई 2023 में आयोजित किया जाएगा। अब, आधिकारिक घोषणा से पहले उसी के बारे में जानकारी ऑनलाइन लीक हो गई है।
मेटा इससे पहले भी नवंबर 2022 में 11,000 कर्मचारियों को निकाल चुकी है। इसके बाद मार्च 2023 में 10,000 नौकरियों में कटौती की घोषणा की। इन 10 हजार लोगों में से 4000 को पहले ही बाहर किया जा चुका है। अब बाकी बचे 6000 को मई महीने में ही निकालने की योजना है।
सूत्रों के अनुसार कंपनी की आंतरिक बैठक में मेटा के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष निक क्लेग ने अपने कर्मचारियों से कहा कि छंटनी की तीसरी लहर अगले हफ्ते होने वाली है। यह सबको प्रभावित करने वाला है। यह बहुत चिंता और अनिश्चितता का समय है। काश मेरे पास सांत्वना या राहत प्रदान करने का कोई आसान तरीका होता।
बता दें कि मेटा इकलौती कंपनी नहीं है जो बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। इससे पहले भी कई बड़ी वैश्विक कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनी कर चुकी हैं। हाल ही में अमेजन, एप्पल और आईटी सर्विस फर्म एक्सेंचर (Accenture) पीएलसी ने भी कर्मचारियों की छंटनी की थी।
आईटी सर्विस फर्म एक्सेंचर (Accenture) ने मार्च 2023 में घोषणा की थी कि अगले 18 महीनों में लगभग 19,000 लोगों को नौकरी से हटाया जाएगा। यह संख्या कंपनी के कुल वर्कफोर्स का 2.5 प्रतिशत है। माइक्रोसॉफ्ट और ट्विटर भी छंटनी के दौर से गुजर रही हैं।