PNB घोटाला: मेहुल चौकसी को 2500 करोड़ का लोन देने वाली कंपनी के निदेशकों की सैलरी 12-15 हजार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 5, 2018 09:00 AM2018-04-05T09:00:40+5:302018-04-05T09:00:40+5:30

पीएनबी के साथ 13400 करोड़ घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी और नीरव मोदी देश से फरार हो चुके हैं। चौकसी और मोदी समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाप सीबीआई और ईडी जांच कर रहे हैं।

Mehul Choksi Creditors Company Directors were Diamond sorters earning Rs 12,000-Rs 15,000 a month | PNB घोटाला: मेहुल चौकसी को 2500 करोड़ का लोन देने वाली कंपनी के निदेशकों की सैलरी 12-15 हजार

PNB घोटाला: मेहुल चौकसी को 2500 करोड़ का लोन देने वाली कंपनी के निदेशकों की सैलरी 12-15 हजार

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ हुए 13400 करोड़ रुपये के घोटाले में अभियुक्त मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स को 2500 करोड़ रुपये का कर्ज देने वाली तीन कंपनियों में ऐसे लोग निदेशक थे जिनकी मासिक सैलरी 12 हजार से 15 हजार रुपये महीने थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इन तीन कंपनियों एशियन इम्पेक्स, प्रीमियर इंटरट्रेड और आइरिश मर्केंटाइल ने मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स को ऑपरेशनल क्रेडिटर्स के तौर पर कर्ज दिया था जबकि तीनों कंपनियों के ही डायरेक्टर (निदेशक) अतिसाधारण लोग थे। दीवालिया कानून के तहत ऑपरेशनल क्रेडिटर कोई व्यक्ति या संस्था हो सकती है जो कर्ज चुकाए जाने के लिए जिम्मेदार होगा। इसके तहत वो व्यक्ति भी आता है जिसे कर्ज कानूनी रूप से दिया या स्थानांतरित किया गया हो। 

शेल (जाली) कंपनियाँ या अन्य कागजी कंपनियाँ चेक भुनाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। ऐसी कंपनियों का कोई वास्तविक कारोबार नहीं होता फिर भी वो दूसरी कंपनियों को जाली बिल देती हैं और वो कंपनी इन जाली कंपनियों के भुगतान के लिए उनके नाम पक चेक बनाकर देती हैं। जाली कंपनियाँ इन चेक को बैंक में जमा करके पैसा अपने खाते में मँगा लेती हैं। बाद में इस पैसे को वो नकद या फिर अन्य माध्यमों से वापस उसी कंपनी को दे देती हैं जिसने उन्हें चेक दिया था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आम तौर पर ऐसी जाली कंपनी चलाने वाले कुल राशि का एक प्रतिशत कमीशन (दलाली) के तौर पर लेते हैं।  

इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों ने बताया कि जाँच एजेंसियों को शक है कि इन तीनों कंपनियों को मेहुल चौकसी ने चलवाते थे ताकि बैंकों से मिले लोन का दुरुपयोग किया जा सके। इंडियन एक्सप्रेस ने जब मेहुल चौकसी के वकील संजय एबोट से इस बारे में संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वो इस मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकते और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। 

सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस मेहुल चौकसी, नीरव मोदी एवं उनसे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ जाँच कर रहे हैं। इन सभी पर लेटर्स ऑफ अंटरटेकिंग (एलओयू) के माध्यम से पंजाब नेशनल बैंक को 13400 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। पीएनबी ने जनवरी 2018 के आखिरी हफ्ते में सीबीआई में नीरव मोदी के खिलाफ 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। बाद में पीएनबी ने कहा  कि ये घोटाला 11300 करोड़ रुपये का है। उसके बाद बैंक ने आगे की जाँच में कहा कि ये घोटाला 13400 करोड़ रुपये का हो सकता है। सीबीआई ने इस मामले में पहली एफआईआर 31 जनवरी को नीरव मोदी के खिलाफ दर्ज की। फरवरी में सीबीआई ने मेहुल चौकसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी अपने करीबी परिजनों के साथ जनवरी 2018 के पहले हफ्ते में ही देश छोड़कर जा चुके थे।

Web Title: Mehul Choksi Creditors Company Directors were Diamond sorters earning Rs 12,000-Rs 15,000 a month

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