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Lok Sabha Elections: चुनाव से पहले तोहफे की बरसात, LPG सिलेंडर पर 300 रुपये की सब्सिडी जारी, 10 करोड़ परिवार को लाभ, 10372 करोड़ ‘इंडिया एआई मिशन’ को, जानें मुख्य बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 7, 2024 21:24 IST

Lok Sabha Elections 2024: सरकार ने ग्रामीण और वंचित गरीब परिवारों को खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) उपलब्ध कराने के लिए गरीब घरों की वयस्क महिलाओं को बिना किसी जमा के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए मई, 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी।

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ठळक मुद्देकदम से लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है।12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।राशि का इस्तेमाल बड़े कंप्यूटिंग ढांचे के सृजन पर किया जाएगा।

Lok Sabha Elections 2024: सरकार ने बृहस्पतिवार को उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष तक के लिए बढ़ा दी। पिछले साल अक्टूबर में प्रति वर्ष 12 एलपीजी सिलेंडर भराने तक 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर सब्सिडी 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति सिलेंडर कर दी गयी थी। 300 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी चालू वित्त वर्ष के लिए थी, जो 31 मार्च को समाप्त हो रही है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री मंत्री पीयूष गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने अब इस सब्सिडी को 2024-25 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस कदम से लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है। इसपर 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

आम चुनावों से पहले यह कदम उठाया गया है। लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले हैं। सरकार ने ग्रामीण और वंचित गरीब परिवारों को खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) उपलब्ध कराने के लिए गरीब घरों की वयस्क महिलाओं को बिना किसी जमा के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए मई, 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी।

लाभार्थियों को गैस कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराये गये लेकिन उन्हें एलपीजी सिलेंडर बाजार मूल्य पर भरवाने की जरूरत पड़ती है। सरकार ने ईंधन के दाम बढ़ने पर मई, 2022 में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी प्रदान की। अक्टूबर, 2023 में इसे बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया।

सरकार ने मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले पिछले साल अगस्त के अंत में रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की थी। इसके बाद एलपीजी सिलेंडर की कीमत 903 रुपये पर आ गयी। उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए, 300 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी के साथ इसका मूल्य 603 रुपये बैठता है। भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में किया जाता है।

सरकार ने 10,372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ पांच साल के लिए ‘इंडिया एआई मिशन’ को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल बड़े कंप्यूटिंग ढांचे के सृजन पर किया जाएगा।

गोयल ने संवाददाताओं से कहा एआई परिवेश बनाने के लिए 10,000 से अधिक जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) वाली सुपरकंप्यूटिंग क्षमता विभिन्न संबद्ध पक्षों को उपलब्ध कराई जाएगी। गोयल ने कहा कि स्टार्टअप, शिक्षा जगत, शोधकर्ताओं और उद्योग को भारत एआई (कृत्रिम मेधा) मिशन के तहत स्थापित एआई सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्रदान की जाएगी।

मिशन के तहत एक राष्ट्रीय डेटा प्रबंधन अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो डेटा की गुणवत्ता में सुधार करने और उन्हें एआई विकास और उपयोग के लिए उपलब्ध कराने को लेकरविभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों के साथ समन्वय करेगा।

सरकार ने 2024-25 के लिए कच्चे जून का एमएसपी 285 रुपये बढ़ाकर 5,335 रुपये क्विंटल किया

सरकार ने बृहस्पतिवार को वर्ष 2024-25 सत्र के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 285 रुपये बढ़ाकर 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (टीडीएन-3 पहले के टीडी-5 ग्रेड के बराबर) तय करने का निर्णय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया।

उन्होंने कहा कि इस फैसले से पूर्वी राज्यों, खासकर पश्चिम बंगाल के किसानों को काफी फायदा होगा। चालू सत्र 2023-24 में सरकार ने 524.32 करोड़ रुपये की लागत से 6.24 लाख गांठ से अधिक कच्चे जूट की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है, जिससे लगभग 1.65 लाख किसानों को लाभ हुआ है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि वर्ष 2024-25 के लिए एमएसपी अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर 64.8 प्रतिशत का लाभ सुनिश्चित करेगा। वर्ष 2024-25 सत्र के लिए कच्चे जूट का एमएसपी, बजट 2018-19 में सरकार द्वारा घोषित पूरे भारत की भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है।

यह निर्णय कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है। भारतीय जूट निगम (जेसीआई) मूल्य समर्थन संचालन करने के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में काम करना जारी रखेगा और यदि ऐसे कार्यों में कोई नुकसान हो तो उसकी पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी।

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