Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को तोहफा, गन्ने के दाम में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी, अगेती किस्म की कीमत अब 370 रुपये प्रति क्विंटल, जानें रेट लिस्ट
By राजेंद्र कुमार | Published: January 18, 2024 03:02 PM2024-01-18T15:02:42+5:302024-01-18T16:08:24+5:30
Lok Sabha Elections 2024: चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि गन्ने के दाम में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों को बड़ी सौगात दी है. सरकार ने गन्ना मूल्य में इजाफा करने को लेकर किसानों की लंबे समय से की जा रही मांग का संज्ञान लेते हुए सूबे में 20 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य में इजाफा किए जाने पर सहमति जता दी.
सरकार के इस फैसले से सूबे के करीब 50 लाख गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा. वही दूसरी तरफ गन्ना मूल्य में किए गए इजाफे से सरकार को करीब 2200 करोड़ रुपए किसानों को अतिरिक्त देने पड़ेंगे. सूबे के गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण का कहना है कि सरकार के इस फैसले से सूबे के किसान खुश हैं.
वही दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गन्ना मूल्य के हुए इजाफे को कम बताया है. उनका कहना है कि किसान गन्ना मूल्य 50 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे, जिसे सरकार ने नहीं माना है.
ऐसे हुआ यहा फैसला
किसान नेता राकेश टिकैत के इस कथन के विपरीत योगी सरकार गन्ना मूल्य में किए गए इजाफे को पर्याप्त बता रही है. राज्य के गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण कहते हैं कि आज (गुरुवार) कैबिनेट की बैठक में गन्ना मूल्य में इजाफा करने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.
इस चर्चा में गन्ने की पैदावार की लागत लगातार बढ़ने के तमाम कारणों को देखते हुए कैबिनेट ने गन्ना मूल्य में 20 रुपए प्रति क्विंटल बढोत्तरी करने का फैसला ले लिया. गन्ना मंत्री का दावा है कि योगी सरकार ने बीते सात सालों में गन्ने के मूल्य में कुल 55 रुपए की बढोत्तरी की है. यह बढोत्तरी तीन बार में की गई है.
पहली बार योगी सरकार ने गन्ना मूल्य में इजाफा वर्ष 2017 में किया था. तब गन्ने की कीमतों में 10 रुपये की वृद्धि की थी. इसके बाद वर्ष 2022 में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सरकार ने 25 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य बढ़ाया था. इसी क्रम में अब एक बार फिर गन्ना मूल्य में 20 रुपये प्रति प्रति क्विंटल इजाफा किया गया हैं.
लक्ष्मीनारायण ने यह बताया है कि बीते सप्ताह मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में हुई गन्ना मूल्य निर्धारण संस्तुति समिति की बैठक में गन्ना मूल्य में इजाफा करने को लेकर चीनी मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने गन्ने के मूल्य में इजाफा किए जाने का विरोध किया था.
जबकि सीएम योगी सहित सरकार के तमाम मंत्रियों और गन्ना किसानों के तमाम संगठनों का यहा कहना था कि खाद से लेकर मजदूरी तक में हुई बढ़ोत्तरी के चलते खेती की लागत में भी इजाफा हुआ है, ऐसे में गन्ना मूल्य में भी इजाफा किया जाना चाहिए. इस सोच के आधार पर ही कैबिनेट ने गन्ना मूल्य में इजाफा करने पर अपनी मोहर लगा दी है.
ये इजाफा, सबके हित में
गन्ना मूल्य में इजाफा कर सरकार ने नाराज किसानों को राहत जरूर पहुंचाई है लेकिन सरकार के इस इजाफे से किसान खुश नहीं है. किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार ने चीनी मिल मालिकों के दबाव में गन्ना मूल्य में मामूली इजाफा किया है.
जबकि सरकार को यह पता है कि बीते सात सालों में खाद, बिजली, डीजल और मजदूरी आदि में भारी इजाफा हुआ है, इसके बाद भी गन्ना मूल्य बढ़ाने में सरकार किसानों के बजाए चीनी मिल मालिकों के हित अधिक देख रही है. इसलिए सरकार के इस फैसले से किसान बहुत खुश नहीं है.
किसान नेता के इस कथन पर सरकार के प्रवक्ता का गन्ना मूल्य में इजाफा करने का फैसला करते हुए सरकार ने सभी के हितों का ध्यान रखते हुए फैसला लिया है. यह फैसला गन्ना किसान, चीनी मिल मालिक और उपभोक्ता सभी की जरूरतों का ध्यान रखते हुए लिया गया है. इस फैसले से ना तो गन्ना किसानों को नुकसान होगा, ना ही चीनी मिल मालिकों को घाटा होगा और ना ही चीनी के दाम में भी बढ़ोत्तरी होगी.