नयी दिल्ली, 20 सितंबर चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) ने सरकार से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का लाभ चमड़ा क्षेत्र को भी उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। परिषद का कहना है कि इससे क्षेत्र में विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इससे चमड़ा निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
सरकार ने 1.97 लाख करोड़ रुपये के व्यय के साथ 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की है। इन क्षेत्रों में कपड़ा, वाहन, इस्पात, दूरसंचार और फार्मास्युटिकल्स शामिल हैं।
इस योजना का मकसद घरेलू विनिर्माण को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। इस योजना के तहत कंपनियों को आधार वर्ष पर देश में विनिर्मित उत्पादों की बढ़ी हुई बिक्री पर प्रोत्साहन दिया जाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में सीएलई के चेयरमैन संजय लीखा ने कहा कि क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना के क्रियान्वयन से उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की जा सकेगी और साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
उन्होंने वित्त मंत्री से इस योजना का लाभ चमड़ा, चमड़ा उत्पाद और फुटवियर क्षेत्रों को भी देने की अपील की।
लीखा ने वित्त मंत्री से आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस 2.0) का लाभ
भी चमड़ा क्षेत्र को देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इससे क्षमता विस्तार में मदद मिलेगी जिससे क्षेत्र कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से उबर सकेगा।
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