सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का केरल मजबूती से विरोध करेगा: मुख्यमंत्री
By भाषा | Published: January 18, 2021 09:15 PM2021-01-18T21:15:27+5:302021-01-18T21:15:27+5:30
तिरुवनंतपुरम, 18 जनवरी केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को कहा कि राज्य में विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ केरल सरकार जोरदार ढंग से हस्तक्षेप करेगी।
इस मुद्दे पर सीपीआई (एम) के विधायक एस शर्मा के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए, विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार देश में रेलवे, बिजली और रक्षा क्षेत्रों सहित सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख उद्यमों का निजीकरण कर रही है।
विजयन ने कहा, ‘‘केंद्र अपनी गलत नीतियों के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर आंखें मूंद रहा है। राज्य ने हमेशा केंद्र द्वारा राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी कंपनियों को सौंपने के फैसले पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का निजीकरण करने का इच्छुक है, जो कि सबसे बड़ी तेल विपणन और तेल शोधक कंपनी है, जिसमें कोच्चि रिफाइनरी लिमिटेड भी शामिल है। इसके निजीकरण की पहल, राज्य सरकार की केआईआईएफबी की सहायता के साथ बनने वाले पेट्रो रसायन पार्क के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने इस तरह के कदम के खिलाफ दो बार प्रधान मंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा है।’’
विजयन ने विधानसभा को यह भी बताया कि यद्यपि राज्य सरकार ने कोट्टायम में हिंदुस्तान न्यूज़ प्रिंट में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री का कड़ा विरोध किया था, लेकिन केंद्र अपनी योजनाओं के साथ आगे बढ़ा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को केन्द्र से कासरगोड में भेल-ईएमएल में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव पर अभी मंजूरी का इंतजार है।
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