Kavach Rail: क्या है स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली कवच?, कैसे करेगा काम, ट्रेन सुरक्षा प्रणाली में गेम-चेंजिंग...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 10, 2024 17:04 IST2024-10-10T16:51:29+5:302024-10-10T17:04:59+5:30
Kavach Rail: रेलवे में सुरक्षा की ‘कवच’ प्रणाली के आधुनिक संस्करण को देश के प्रत्येक किलोमीटर रेल नेटवर्क पर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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Kavach Rail: भारत के लिए रेल परिवहन नेटवर्क जीवन रेखा है? नरेंद्र मोदी सरकार के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लगातार सुरक्षा पर फोकस कर रेल व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय रेलवे 1.3 लाख किलोमीटर से अधिक ट्रैक तक फैली हुई है। इस दौरान 7,335 स्टेशनों को जोड़ती है और प्रतिदिन 23 मिलियन यात्रियों को सेवा प्रदान करती है। मोदी सरकार स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली 'कवच 4.0' पर काम कर रही है। ‘कवच’ प्रणाली लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाने में विफल रहने की स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन को निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर चलाने में सहायक होता है।
8/9🚆The future of rail safety is here with भारत में बना, भारत का KAVACH 4.0!#10YearsOfMakeInIndia
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) September 25, 2024
🛤️10,000 locomotives & 9,000 km of railway tracks to be equipped in the first phase.
🛤️Nationwide rollout targeted by December, 2030. pic.twitter.com/EJpmLgUKOz
🛤️ Inspected KAVACH 4.0: Sawai Madhopur - Sumerganj Mandi!
7 key tests were successfully conducted.
🧵Here’s what happened👇🏻 pic.twitter.com/tH28ASQtSI— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) September 25, 2024
साथ ही इस प्रणाली के जरिये खराब मौसम के दौरान ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में भी मदद मिलती है। भारतीय रेलवे को अतीत में कई दुखद दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा है और इस दौरान हजारों यात्रियों को जान से हाथ धोना पड़ा। कोटा-सवाई माधोपुर 108 किलोमीटर के खण्ड पर भारत की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली 'कवच' संस्करण 4.0 को स्थापित किया गया है।
'कवच' स्वचालित ट्रेन सुरक्षा एवं ट्रेन को टकराव रोकने की क्षमता प्रदान करता है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल सुरक्षा के मद्देनजर चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ को लागू करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही पटरियों और संकेतकों की गुणवत्ता की सख्ती से जांच भी की जा रही है।
दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक होने के बावजूद भारतीय रेलवे को स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) तकनीक अपनाने में आजादी के बाद 70 साल से अधिक समय लग गया। लेकिन कवच की शुरुआत के साथ नाटकीय रूप से बदलना शुरू हो गया है। कवच, जिसका हिंदी में अर्थ है "ढाल" है। स्वदेशी रूप से विकसित एटीपी प्रणाली है, जिसे सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा एचबीएल पावर सिस्टम्स, कर्नेक्स और मेधा जैसी भारतीय कंपनियों के सहयोग से बनाया गया है। कवच ट्रेन दुर्घटनाओं को खत्म करने के उद्देश्य से एक अभूतपूर्व पहल है। ऑपरेटरों को संभावित खतरों के बारे में सचेत करती है। आवश्यकता पड़ने पर ट्रेनों को स्वचालित रूप से रोकती है।
कवच एक स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) और अत्यधिक प्रौद्योगिकी-गहन प्रणाली है, जिसके लिए उच्चतम स्तर के सुरक्षा प्रमाणन की आवश्यकता है। वैष्णव ने कहा कि 10,000 इंजनों और 9,600 किलोमीटर लंबी पटरियों पर ‘कवच’ लगाने के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं। 17 जुलाई 2024 को कवच का संस्करण 4.0 स्वीकृत किया गया है।
🚆 Vande Bharat, Amrit Bharat और Namo Bharat trains की त्रिवेणी! pic.twitter.com/DOR75lKNct
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) September 28, 2024
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए इरिसेट (भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान) में पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। वैष्णव ने रेलवे द्वारा अपनाए जा रहे विभिन्न सुरक्षा उपायों के बारे में भी बताया, जिसमें इस वित्तीय वर्ष में अब तक अधिकारियों द्वारा किए गए 97,000 से अधिक निरीक्षण और 2,500 किलोमीटर लंबी पटरियों का नवीनीकरण शामिल है।
Inspection from railway station of Bengaluru Airport to Bengaluru Cant. station. pic.twitter.com/NJnvFI319P
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 5, 2024
पूरे नेटवर्क के लिए अल्ट्रासाउंड परीक्षण किए जा रहे हैं और अप्रैल से अब तक 1.86 लाख किलोमीटर रेल मार्ग और 11.66 लाख ‘वेल्ड’ का अल्ट्रासाउंड मशीनों से परीक्षण किया जा चुका है। नयी अल्ट्रासाउंड मशीनें भी शुरू कर दी गई हैं और बड़ी संख्या में रेलवे पुलों का जीर्णोद्धार किया गया है। इसके अलावा सैकड़ों फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए गए हैं।
Significantly improving traffic capacity for Namma Bengaluru!
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 5, 2024
🚆 Circular trains
🚆 Metro expansion
🚆 Suburban rail corridors
🚆 Rail connectivity from Airport to City pic.twitter.com/AmZ3saDrZ7
उन्होंने बताया कि 5,300 कोहरे सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं और अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा ट्रैक फिटिंग की गुणवत्ता की जांच की गई है। सरकार 1950 की तकनीक वाले सभी रेल कोच को बदलेगी और आज की प्रौद्योगिकी को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह नए कोच की डिजाइन का काम हाथ में लिया गया है जिस पर हमारे ही देश के इजीनियर काम कर रहे हैं।