कैट ने कहा, भारत के खुदरा क्षेत्र पर कब्जे के लिए अमेजन की मनमानी नीतियों पर रोक लगे

By भाषा | Updated: December 21, 2020 23:02 IST2020-12-21T23:02:25+5:302020-12-21T23:02:25+5:30

Kat said, Amazon's arbitrary policies to take over India's retail sector should be stopped | कैट ने कहा, भारत के खुदरा क्षेत्र पर कब्जे के लिए अमेजन की मनमानी नीतियों पर रोक लगे

कैट ने कहा, भारत के खुदरा क्षेत्र पर कब्जे के लिए अमेजन की मनमानी नीतियों पर रोक लगे

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को कहा कि भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र में दबदबा कायम करने की अमेजन की ‘जोड़-तोड़, जबरिया, मनमानी और तानाशाही’ वाली नीतियों का अंत होना चाहिए। इससे कुछ घंटे पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्यूचर समूह द्वारा रिलायंस रिटेल को अपनी संपत्तियों की बिक्री के प्रस्तावित सौदे पर आदेश पारित किया। अमेजन इस सौदे का विरोध कर रहा है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अमेजन को सिंगापुर मध्यस्थता केन्द्र के फैसले के बारे में सेबी, सीसीआई को लिखने से मना करने की अपील की गई थी।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने एफआरएल की दलील को खारिज कर दिया। याचिका में दावा किया गया था कि अमेजन 24,713 करोड़ रुपये के रिलायंस- फ्यूचर सौदे पर आपातकालीन न्यायाधिकरण के फैसले के बारे में अधिकारियों को लिख रही है।

अदालत ने कहा, ‘‘एफआरएल द्वारा अंतरिम निषेधाज्ञा की प्रार्थना को नकारते हुए मौजूदा याचिका को खारिज किया जाता है। हालांकि, वैधानिक प्राधिकरणों/ नियामकों को निर्देश दिया जाता है कि वे कानून के अनुसार आवेदनों/ आपत्तियों पर निर्णय लें।’’

न्यायालय ने आदेश में कहा कि एफआरएल ने अंतरिम निषेधाज्ञा जारी करने के लिए आवेदन किया है, लेकिन पहली नजर में संतुलन सुविधा फ्यूचर रिटेल और अमेजन दोनों के पक्ष में है, और क्या किसी भी पक्ष को कोई अपूरणीय क्षति होगी, यह मुकदमे की सुनवाई के दौरान या सक्षम मंच द्वारा निर्धारित किया जाना है।

अदालत ने आगे कहा कि उसने इस वजह से भी अंतरिम निषेधाज्ञा नहीं दी, क्योंकि एफआरएल और अमेजन, दोनों ही वैधानिक प्राधिकारियों या नियामकों के समक्ष अपनी बात कह चुके हैं और अब इस बारे में ‘‘वैधानिक प्राधिकारियों/ नियामकों को निर्णय लेना है।’’

इस परिप्रेक्ष्य में कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने एक बयान में दावा किया कि इस फैसले से कैट की इस धारणा की पुष्टि हुई है कि अमेजन खुलेआम सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन कर रही है।

खंडेलवाल ने कहा कि कैट ने इन्ही आरोपों को लेकर हाल ही में वाणिज्य मंत्री, वित्त मंत्री, प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी आदि को आवश्यक सबूतों के साथ अमेज़न के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी इस बात को साफ़ कर दिया है की अमेज़न ने फेमा और एफडीआई पालिसी का उल्लंघन किया है, ऐसे में अब अमेजन के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए ताकि वह दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ न कर सके।

सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण केंद्र (एसआईएसी) ने 25 अक्टूबर के अपने आदेश में अमेजन के पक्ष में फैसला देते हुए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पर कंपनी की परिसंपत्तियों के किसी भी तरह के हस्तांतरण, परिसमापन या किसी करार के तहत दूसरे पक्ष से कोष हासिल करने के लिए प्रतिभूतियां जारी करने पर रोक लगायी है।

मामला पिछले साल अगस्त में फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अमेजन द्वारा अधिग्रहण किए जाने और इसी के साथ समूह की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल में पहले हिस्सेदारी खरीदने के अधिकार से जुड़ा है। फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर कूपन्स की भी हिस्सेदारी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Kat said, Amazon's arbitrary policies to take over India's retail sector should be stopped

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे