Jobs 2023: मई 2023 में दफ्तर में बैठकर काम करने वाले पेशेवरों की नौकरियों के लिए कुल 2849 विज्ञापन निकले, नियुक्ति गतिविधियों में वृद्धि स्थिर, आईटी सेवा कंपनियों में संकट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 2, 2023 02:56 PM2023-06-02T14:56:18+5:302023-06-02T14:57:37+5:30
Jobs 2023: मई, 2022 में यह संख्या 2,863 थी। रिपोर्ट कहती है कि मई में तेल एवं गैस क्षेत्र में नई नौकरियों में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नियुक्तियां मई, 2022 से कम यानी 23 प्रतिशत रहीं।
Jobs 2023: भारत में कार्यालय में बैठकर काम करने वाले पेशेवरों (व्हाइट कॉलर) के लिए मई में नियुक्ति गतिविधियों में वृद्धि स्थिर रही है। रिपोर्ट में जानकारी दी गई। नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स के अनुसार, मई, 2023 में दफ्तर में बैठकर काम करने वाले पेशेवरों की नौकरियों के लिए कुल 2,849 विज्ञापन निकाले गए।
मई, 2022 में यह संख्या 2,863 थी। रिपोर्ट कहती है कि मई में तेल एवं गैस क्षेत्र में नई नौकरियों में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नियुक्तियां मई, 2022 से कम यानी 23 प्रतिशत रहीं। नौकरी.कॉम के मुख्य व्यवसाय अधिकारी पवन गोयल ने कहा कि रियल एस्टेट, बैंकिंग, तेल एवं गैस और फार्मा जैसे क्षेत्रों में नियुक्तियों में वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की विविधता को दर्शाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी क्षेत्र की नियुक्ति गतिविधियां चिंता का विषय है। लगभग सभी तरह की आईटी कंपनियों..मसलन वैश्विक प्रौद्योगिकी फर्म, बड़ी आईटी सेवा कंपनियों, प्रौद्योगिकी केंद्रित स्टार्टअप और यूनिकॉर्न में नियुक्ति गतिविधियां घटी हैं।
नई औद्योगिक नीति के लिए अंतर-मंत्रालयी विचार- विमर्श जारी: डीपीआईआईटी सचिव
सरकार नई औद्योगिक नीति बनाने के लिए अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श कर रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि नई औद्योगिक नीति का उद्देश्य वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल तैयार करना है ताकि विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। यह तीसरी औद्योगिक नीति होगी।
पहली औद्योगिक नीति 1956 में तथा दूसरी औद्योगिक नीति 1991 में बनी थी। नई औद्योगिक नीति के दूसरी नीति का स्थान लेगी, जिसे 1991 में भुगतान संतुलन संकट के समय तैयार किया गया था। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया, “यह नीति अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के चरण में है। यह नए बन रहे उद्योगों पर केंद्रित होगी।’’
प्रस्तावित नीति वैश्विक स्तर पर प्रगतिशील, नवोन्मेषी और प्रतिस्पर्धी औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने पर सुझाव देगी। नीति के छह मुख्य उद्देश्यों में प्रतिस्पर्धा और क्षमता, आर्थिक एकीकरण और वैश्विक मूल्य श्रृंखला को आगे बढ़ाना, भारत को दुनिया में एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में पेश करना, नवाचार एवं उद्यमिता का पोषण और एक सतत पारिस्थितिकी तंत्र को शामिल किया जा सकता है। विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।