JK G20: कश्मीर टूरिस्टों के लिए आज सबसे अधिक सुरक्षित, 60 से अधिक प्रतिनिधि कश्मीर की खूबसूरती से हुए रूबरू, देखें वीडियो
By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 24, 2023 02:46 PM2023-05-24T14:46:09+5:302023-05-24T15:34:47+5:30
JK G20: कश्मीर में फैले आतंकवाद के कारण आज भी यूरोपीय व अमेरीकी देशों ने अपने नागरिकों के कश्मीर आने पर प्रतिबंध लागू कर रखा है।
JK G20: जी-20 की कश्मीर में संपन्न हुई तीन दिवसीय बैठक के परिणाम कब तक आएंगें, यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा पर इतना जरूर है कि भारत सरकार विश्वभर को यह संदेश देने में कामयाब रही है कि कश्मीर टूरिस्टों के लिए आज सबसे अधिक सुरक्षित होने के साथ ही फिल्मों की शूटिंग के लिए बालीवुड के मुकाबले में 19 नहीं 20 है।
तीन दिवसीय जी-20 की बैठक का आज आखिरी दिन था। जी-20 के तहत आने वाले देशों के 60 से अधिक प्रतिनिधियों को कश्मीर की खूबसूरती और हुनर के दीदार करवाने में हालांकि 50 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई है जिसमें सुरक्षा के मद पर होने वाला खर्चा शामिल नहीं किया गया है।
J&K | The Delegates of the 3rd G20 Tourism Working Group Meeting dressed in traditional attire on a visit to the Nishat Bagh in Srinagar. pic.twitter.com/l7zuwmwUtI
— ANI (@ANI) May 24, 2023
एक अधिकारी के बकौल, अगर सिर्फ जी-20 के देश ही अपने नागरिकों को कश्मीर आने के लिए प्रेरित और उत्साहित करते हैं तो यह जी-20 की कश्मीर में होने वाली बैठक की कामयाबी माना जाएगा। जानकारी के लिए कश्मीर में फैले आतंकवाद के कारण आज भी यूरोपीय व अमेरीकी देशों ने अपने नागरिकों के कश्मीर आने पर प्रतिबंध लागू कर रखा है।
#WATCH | J&K: G20 delegates visit Srinagar's Nishat Garden, on the banks of Dal Lake.
— ANI (@ANI) May 24, 2023
The 3-day third G20 Tourism Working Group meeting, being held in Srinagar, will conclude today
(Source: DIPR) pic.twitter.com/vARTQnxoV0
तत्कालीन सरकारों से लेकर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों तक के अथक प्रयास अभी तक कोई परिणाम नहीं दिखा पाए हैं। यही कारण था कि अब सबकी उम्मीदें जी-20 की बैठक के नतीजों पर थीं। इस उम्मीद को बैठक में तीन दिनों तक शिरकत करने वाले विदेशी प्रतिनिधियों द्वारा कश्मीर की खूबसूरती की तारीफ में बोले गए बोल उत्साह तो जरूर बढ़ाते थे।
पर इसकी फसल तभी काटी जा सकेगी जब इन देशों से आने वाले टूरिस्टों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। हालांकि जम्मू कश्मीर में पिछले साल 1.84 करोड़ पर्यटक आए थे, इनमें वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले 92.5 लाख श्रद्धालु भी शामिल हैं, लेकिन इनमें विदेशी पर्यटकों का योगदान ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही था।
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का मानना था कि खर्च के मुकाबले में देशी पर्यटक विदेशी पर्यटकों के आगे फिसड्डी हैं। यही कारण है कि अर्थ व्यवस्था व विश्व समुदाय को कश्मीर में शांति के लौट आने के संदेश देने के लिए विदेशी पर्यटकों को कश्मीर की ओर खींचने की खातिर जी-20 की बैठक आयोजित की गई।