नई दिल्लीः जिंदल स्टील ने मंगलवार को कहा कि उसने गौतम मल्होत्रा को तत्काल प्रभाव से मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। जिंदल स्टील ने एक्सचेंज को एक नियामकीय सूचना में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। जिंदल स्टील ने कहा कि वह ‘‘28 अक्टूबर, 2025 से कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक के रूप में गौतम मल्होत्रा की नियुक्ति की घोषणा करती है।’’ मल्होत्रा मई, 2024 से कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं।
तब से उन्होंने खनन, उत्पादन, मानव संसाधन, लॉजिस्टिक्स, प्रौद्योगिकी, एआई स्वीकार्यता और बिक्री - सभी क्षेत्रों के कारोबार के साथ मिलकर काम किया है। पिछले डेढ़ साल में, उन्होंने बिक्री और विपणन, लॉजिस्टिक्स, आईटी और एचआर के साथ-साथ कंपनी की वाणिज्यिक मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वह विशेष रूप से बिक्री सृजन, बाजार में जाने की रणनीति, लॉजिस्टिक्स समर्थन और व्यावसायिक कार्यों के लिए मानव संसाधन विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मैनचेस्टर बिजनेस स्कूल, मैनचेस्टर विश्वविद्यालय (ब्रिटेन) से एमबीए, मल्होत्रा के पास संचालन, आपूर्ति श्रृंखला, बिक्री, विपणन, रणनीति, वित्त और विलय और अधिग्रहण में 19 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
जिंदल स्टील का सितंबर तिमाही का एकीकृत शुद्ध मुनाफा 26 प्रतिशत से अधिक घटकर 635.08 करोड़ रुपये रह गया। खर्च बढ़ने से कंपनी का मुनाफा कम हुआ है। नवीन जिंदल समूह की इकाई ने नियामकीय सूचना में यह जानकारी दी। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर अवधि में 860.47 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था।
हालांकि, कंपनी की कुल आय एक साल पहले की दूसरी तिमाही के 11,248.14 करोड़ रुपये से बढ़कर 11,707.82 करोड़ रुपये हो गई। कुल खर्च भी एक साल पहले की अवधि के 10,034 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,725.55 करोड़ रुपये हो गया। अलग से दिये एक बयान में, कंपनी ने कहा कि उसका कच्चे इस्पात का उत्पादन एक साल पहले की समान अवधि के 19.7 लाख टन से बढ़कर 20 लाख टन हो गया।
बिक्री भी एक साल पहले के 18.5 लाख टन से बढ़कर 18.7 लाख टन हो गई। जिंदल स्टील ने 30 जून तक एकीकृत शुद्ध ऋण 14,400 करोड़ रुपये से घटाकर 14,156 करोड़ रुपये कर दिया। तिमाही के लिए कुल पूंजीगत व्यय 2,699 करोड़ रुपये रहा, जो मुख्य रूप से अंगुल में विस्तार परियोजनाओं पर किया गया। तिमाही के दौरान, जिंदल स्टील ने अंगुल में 46 लाख टन सालाना (एमटीपीए) क्षमता वाली देश का दूसरा सबसे बड़ा ब्लास्ट फर्नेस - भगवती सुभद्रिका बीएफ-II चालू किया।