नई दिल्ली: 31 वर्षीय आकाश उस दिन को याद करते हुए बताते हैं कि जब उन्हें ईमेल के जरिए मैनेजर और एचआर एक्ज्यूटिव ने वर्चुअल मीटिंग में ज्वाइन होने के लिए कहा। यह मीटिंग करीब 15 से 20 मिनट चली और उन्हें कुछ ऐसा ऑफर दिया, जिसमें उन्हें कुछ समझ नहीं आया। उनकी इस तरह की छंटनी की योजना को रिपोर्ट में Silent Layoff का नाम दिया गया।
क्लाउड एनालिटिक्स और डेटा प्लेटफॉर्म टेराडेटा कंपनी ने आकाश से कहा कि आप या तो सीधे कम भुगतान के साथ बाहर हो जाए या फिर आप स्वत: कंपनी से निकले और आपको अगले चार महीने की सैलरी घर पर मिल जाएगी। इसके बाद आकाश ने कुछ समय मांगा, लेकिन कंपनी ने कहा आपके पास यही समय है, इतनी देर में उसने कजिन से बात की और सीधे इस्तीफा देना बेहत समझा।
उन्होंने कहा कंपनी को छोड़े करीब 4 से 5 महीने हो गए हैं और इस दौरान 20-25 इंटरव्यू दिए, लेकिन कहीं कुछ हासिल नहीं हुआ। अब वो कह रहे हैं कि मार्केट के वर्तमान वातावरण में नई जॉब ढूढ़ना काफी मुश्किल भरा है। साथ में ये भी बताया कि सैलरी को लेकर तो एकदम कोई बात सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि बची हुई सैलरी भी उनके खर्चों पर ही चली जा रही है, अब पूरी तरह से माता और पिता पर निर्भर होना पड़ रहा।
दूसरी तरफ श्रीराम और उसके कुछ दोस्तों को भी इसी तरह दो-चार होना पड़ा, जब Cognizant ने उनके कॉन्ट्रेक्ट को रिन्यू करने से मना कर दिया। हालांकि, उन्हें भी यही कहा गया कि आप किसी दूसरे रस्ते की तालाश कर लें। जो एक तरह खामोशी भरी छंटनी रही।
आकाश और श्रीराम तो मात्र ये दो नाम है, लेकिन ऐसे ही कई युवाओं को आईटी सेवा देने वाली कंपनियों ने बाहर का रास्ता साल 2023 और 2024 में दिखाया।
इस शांत भरी छंटनी का सीधा सा कंपनी की ओर से तरीका अपनाया गया कि कर्मचारी को 30 दिन दे दिए और कहा कि कंपनी में ही इस बीच वे रोजगार ढूढ़ लें। अगर ऐसा करने में कर्मचारी अस्मर्थ हुए, तो उनसे कह दिया कि आप नौकरी छोड़ दें।