वित्तीय सशक्तिकरण के लिए वित्त प्रौद्योगिकी पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में बदलना जरूरी: मोदी

By भाषा | Updated: December 3, 2021 14:46 IST2021-12-03T14:46:00+5:302021-12-03T14:46:00+5:30

It is necessary to convert fintech initiatives into fintech revolution for financial empowerment: Modi | वित्तीय सशक्तिकरण के लिए वित्त प्रौद्योगिकी पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में बदलना जरूरी: मोदी

वित्तीय सशक्तिकरण के लिए वित्त प्रौद्योगिकी पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में बदलना जरूरी: मोदी

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश के हर नागरिक के लिए वित्तीय सशक्तिकरण सुनिश्चित करने की खातिर वित्त प्रौद्योगिकी पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में बदलने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने 'इन्फिनिटी मंच' का उद्घाटन करते हुए कहा कि वित्त प्रौद्योगिकी (फिनटेक) उद्योग का स्तर व्यापक हो गया है और इसने जनता के बीच स्वीकार्यता पायी है।

उन्होंने कहा, "अब, इन वित्त प्रौद्योगिकी (फिनटेक) पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में बदलने का समय आ गया है। वह क्रांति जो देश के हर एक नागरिक के वित्तीय सशक्तिकरण में मदद करेगी।"

मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी वित्त में एक बड़ा बदलाव ला रही है, और पिछले साल मोबाइल से किया जाने वाला भुगतान, एटीएम कार्ड से की जाने वाली पैसों की निकासी से अधिक था।

उन्होंने एक और उदाहरण देते हुए कहा कि प्रत्यक्ष शाखा कार्यालयों के बिना काम करने वाले डिजिटल बैंक पहले से ही एक वास्तविकता हैं तथा एक दशक से भी कम समय में ये आम हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “जैसे-जैसे इंसान ने प्रगति की, वैसे-वैसे हमारे लेनदेन का रूप भी बदला। वस्तु विनिमय प्रणाली से धातु तक, सिक्कों से नोटों तक, चेक से लेकर कार्ड तक, आज हम यहां पहुंच गए हैं।”

यह देखते हुए कि भारत ने दुनिया के सामने यह साबित कर दिया है कि प्रौद्योगिकी अपनाने के मामले में वह किसी से पीछे नहीं है, उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत परिवर्तनकारी पहल ने शासन में लागू होने वाले नवोन्मेषी वित्त प्रौद्योगिकी समाधानों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं।

मोदी ने प्रौद्योगिकी के नेतृत्व में भारत के वित्तीय समावेशन अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि 2014 में 50 प्रतिशत से कम भारतीयों के पास बैंक खाते थे, भारत ने पिछले सात वर्षों में 43 करोड़ जन धन खातों के साथ इसे लगभग सार्वभौमिक बना दिया है।

उन्होंने 69 करोड़ रुपे कार्ड जैसी पहल का भी उल्लेख किया जिसमें पिछले साल 1.3 अरब लेनदेन हुए थे।

मोदी ने इसके अलावा यूपीआई की भी बात की और कहा कि यूपीआई के जरिए पिछले महीने लगभग 4.2 अरब लेनदेन हुए। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी (माल एवं सेवा कर) पोर्टल पर हर महीने 30 करोड़ बिल अपलोड किए जा रहे हैं।

उन्होंने वित्तीय समावेशन को वित्तीय प्रौद्योगिकी क्रांति का चालक बताते हुए कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी चार स्तंभों - आय, निवेश, बीमा और संस्थागत ऋण पर टिकी हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “जब आय बढ़ती है, तो निवेश संभव हो जाता है। बीमा कवरेज अधिक जोखिम लेने की क्षमता और निवेश को सक्षम बनाता है। संस्थागत ऋण विस्तार का मौका देता है। और हमने इनमें से हर स्तंभ पर काम किया है। जब ये सभी कारक एक साथ आते हैं, तो आप अचानक देखते हैं कि और भी लोग वित्तीय क्षेत्र से जुड़ चुके हैं।"

उन्होंने जनता के बीच इन नवोन्मेषों की व्यापक स्वीकृति के आलोक में वित्त प्रौद्योगिकी में विश्वास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आम भारतीय ने डिजिटल भुगतान और ऐसी तकनीकों को अपनाकर पारिस्थितिकी तंत्र में काफी विश्वास दिखाया है।

मोदी ने कहा, "यह विश्वास एक जिम्मेदारी है। विश्वास का मतलब है कि आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि लोगों के हित सुरक्षित हैं। वित्त प्रौद्योगिकी नवोन्मेष, वित्त प्रौद्योगिकी सुरक्षा संबंधी नवोन्मेष के बिना अधूरा होगा।"

उन्होंने कहा कि भारत अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को दुनिया के साथ साझा करने और उनसे सीखने में भी विश्वास रखता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "सार्वजनिक बुनियादी ढांचे संबंधी हमारे डिजिटल समाधान दुनिया भर के लोगों के जीवन में सुधार कर सकते हैं। यूपीआई और रुपे जैसे साधन हर देश के लिए एक असाधारण अवसर प्रदान करते हैं। यह अवसर एक किफायती और विश्वसनीय 'रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली' के साथ-साथ घरेलू कार्ड योजना और धन प्रेषण प्रणाली प्रदान करने से जुड़ा है।"

मोदी ने कहा कि वित्त एक अर्थव्यवस्था की जान है और प्रौद्योगिकी उसका वाहक है, मोदी ने कहा कि दोनों ही 'अंत्योदय और सर्वोदय' हासिल करने के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा, "हमारा प्रमुख इन्फिनिटी मंच, उद्योग के असीम भविष्य का पता लगाने के लिए वैश्विक फिनटेक उद्योग के सभी प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाने के हमारे प्रयास का हिस्सा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: It is necessary to convert fintech initiatives into fintech revolution for financial empowerment: Modi

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे