सुधारों के लिए समय एवं सहमति का भी ध्यान रखना जरूरीः रंगराजन

By भाषा | Updated: December 10, 2021 17:13 IST2021-12-10T17:13:00+5:302021-12-10T17:13:00+5:30

It is also necessary to take care of time and consent for reforms: Rangarajan | सुधारों के लिए समय एवं सहमति का भी ध्यान रखना जरूरीः रंगराजन

सुधारों के लिए समय एवं सहमति का भी ध्यान रखना जरूरीः रंगराजन

हैदराबाद, 10 दिसंबर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने शुक्रवार को कहा कि व्यवस्था की उत्पादकता एवं प्रभाव बढ़ाने के लिए सुधार करने जरूरी हैं लेकिन इसी के साथ सुधारों पर अमल करने का समय भी काफी अहम है।

रंगराजन ने आईसीएफएआई बिज़नेस स्कूल में एक व्याख्यान देते हुए कहा कि सुधार किए जाने पर आलोचना का सामना करना ही पड़ता है और यह कोई नई बात नहीं है। वर्ष 1991 के आर्थिक सुधार भी संकट की छाया में लागू किए गए थे।

उन्होंने कहा, "वर्ष 1991 में आर्थिक सुधार होने पर भी आलोचक सामने आए थे। उस समय संसद में बैठे कुछ लोगों को लग रहा था कि हमने खुद को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के हाथों बेच दिया है। 1991 में लागू हुए कई सुधार भी संकट की छाया में ही लागू किए जा सके थे।"

हालांकि रंगराजन कहा कि अब ऐसा नहीं किया जा सकता है लिहाजा सुधारों के पहले अधिक विचार-विमर्श करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "हमें सहमति बनाने की जरूरत है। हम सुधारों की दिशा में जितना भी आगे बढ़ेंगे, हमें हितधारकों के साथ उतनी ही ज्यादा सहमति बनाने की जरूरत होगी। लिहाजा सुधारों का समय और उसका क्रम भी अहम है।"

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व प्रमुख ने कहा कि श्रम सुधारों को लागू करने का सबसे अच्छा समय तब है जब अर्थव्यवस्था में उछाल का दौर हो। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्यों को एक साथ मिलकर सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए।

उन्होंने कृषि विपणन समेत सभी क्षेत्रों में सुधार किए जाने को जरूरी बताते हुए कहा कि सरकार को इन्हें लाने के पहले सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए। उनका यह बयान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के संदर्भ में खासा अहम है। इसकी वजह से सरकार को ये तीनों सुधार वापस भी लेने पड़े हैं।

उन्होंने कहा कि भारत को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए अगले पांच वर्षों तक सालाना नौ फीसदी की दर से वृद्धि करने की जरूरत है।

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