अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने कहा, 'यूक्रेन युद्ध और उच्च कीमतों के कारण पैदा हुई अनिश्चितता गैस मांग में वृद्धि को धीमा कर देगी'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 5, 2022 02:23 PM2022-07-05T14:23:48+5:302022-07-05T14:40:16+5:30
पेरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की ओर से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 से 2025 के बीच प्राकृतिक गैस की वैश्विक मांग में 140 अरब घन मीटर की बढ़ोतरी का अनुमान है। यह पिछले पांच साल की अवधि में हुई 370 अरब घन मीटर की वृद्धि के मुकाबले आधे से भी कम है।
बर्लिन: प्राकृतिक गैस की ऊंची कीमतें और यूक्रेन में युद्ध के कारण आपूर्ति की आशंका आगामी वर्षों में जीवाश्म ईंधन की मांग में वृद्धि को धीमा कर देगी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है।
पेरिस स्थित आईईए की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से 2025 के बीच प्राकृतिक गैस की वैश्विक मांग में 140 अरब घन मीटर की बढ़ोतरी का अनुमान है। यह पिछले पांच साल की अवधि में हुई 370 अरब घन मीटर की वृद्धि के मुकाबले आधे से भी कम है।
संशोधित पूर्वानुमान ज्यादातर खरीदारों के गैस से कोयला, तेल या नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने के बजाय धीमी आर्थिक वृद्धि की आशंका के कारण है। गैस के जलने से अन्य जीवाश्म ईंधन की तुलना में कार्बन डाइऑक्साइड का कम उत्सर्जन होता है।
एजेंसी के ऊर्जा बाजार और सुरक्षा निदेशक कीसुके सदामोरी ने कहा, "यूक्रेन में रूस का युद्ध, गैस बाजारों को गंभीर रूप से बाधित कर रहा है जो पहले से ही तनाव के संकेत दिखा रहे थे।"
आईईए ने कहा कि यूरोपीय संघ के देशों द्वारा रूसी गैस से दूरी बनाने के चलते रूस से उन्हें पाइपलाइन निर्यात में 55 से 75 प्रतिशत तक कमी होगी।