भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में तीसरे सप्ताह में भारी गिरावट, 5.681 बिलियन अमरीकी डॉलर घटा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 26, 2023 01:27 PM2023-02-26T13:27:38+5:302023-02-26T13:32:52+5:30
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किये आंकड़ों के अनुसार 17 फरवरी को हफ्ते की समाप्ती के वक्त भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.681 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 561.267 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।
दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किये गये नये आंकड़ों के अनुसार 17 फरवरी को हफ्ते की समाप्ती के वक्त भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट दर्ज की गई और यह 5.681 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 561.267 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के आकड़ों के मुताबिक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जारी गिरावट लगातार तीसरा सप्ताह भी बनी रही।
बताया जा रहा है कि 3 फरवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 8.319 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 566.948 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था। वहीं अभी जारी हुए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.515 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 496.072 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
वहीं अगर गोल्ड रिजर्व की बात करें तो वह भी 1.045 अरब डॉलर घटकर 41.817 अरब डॉलर रह गया। पिछले वर्ष 2022 की शुरुआत में कुल विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 633 बिलियन अमरीकी डॉलर था। बताया जा रहा है कि हालिया गिरावट के लिए खुद आरबीआई की हस्तक्षेप नीति है और आयातित वस्तुओं की लागत में हुई वृद्धि के कारण भी ऐसा हो रहा है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार कथित तौर पर अक्टूबर 2021 में लगभग 645 बिलियन अमरीकी डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया था। विदेशी मुद्रा भंडार महीनों से रुक-रुक कर गिरता जा रहा था, जिसका मुख्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के अवमूल्यन को बचाने के लिए हस्तक्षेप करना था।
आमतौर पर रिजर्व बैंक समय-समय पर बाजार में कैश लिक्विडिटी मैनेजमेंट के लिए जरिये हस्तक्षेप करता रहता है, जिसमें रुपये में भारी मूल्यह्रास को रोकने की दृष्टि से डॉलर की बिक्री भी शामिल है। भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडारण पर करीब नजर बनाये रखता है और किसी भी विनिमय दर में अत्यधिक अस्थिरता को नियंत्रित करके व्यवस्थित बाजार स्थितियों को बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करता है।