Indian Oil Corporation Limited: ‘छोटू’ के बाद जल्द ही ‘मुन्ना’ पूर्वोत्तर भारत के बाजारों में दस्तक देगा, जानें क्या है और क्यों है चर्चा में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 7, 2023 05:23 PM2023-07-07T17:23:39+5:302023-07-07T17:25:28+5:30
Indian Oil Corporation Limited: सार्वनिक उपक्रम आईओसीएल पूर्वोत्तर भारत में बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसके तहत कंपनी की योजना सभी सात राज्यों में रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर भरने की इकाई (बॉटलिंग यूनिट) स्थापित करने की है।
Indian Oil Corporation Limited: ‘छोटू’ के बाद जल्द ही ‘मुन्ना’ पूर्वोत्तर भारत के बाजारों में दस्तक देगा। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सार्वनिक उपक्रम आईओसीएल पूर्वोत्तर भारत में बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसके तहत कंपनी की योजना सभी सात राज्यों में रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर भरने की इकाई (बॉटलिंग यूनिट) स्थापित करने की है।
इंडियन ऑयल के असम मंडल के कार्यकारी निदेशक और राज्य प्रमुख जी रमेश ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर में पिछले साल पांच किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर ‘छोटू’ को पेश करने के बाद हम जल्द ही दो किलोग्राम वाले गैस सिलेंडर ‘मुन्ना’ की भी शुरुआत करेंगे।’’ रमेश ने कहा कि ‘मुन्ना’ के लिए ‘बॉटलिंग’ इकाई की शुरुआत जल्द ही त्रिपुरा और उत्तरी गुवाहाटी में शुरू की जाएगी।
रमेश ने कहा, ‘‘इन हल्के रसोई गैस सिलेंडर के मुख्य ग्राहकों में... शहरी और अर्धशहरी इलाकों में ऐसे आव्रजक जिनके पास स्थानीय पहचानपत्र नहीं हैं, जिनके यहां गैस की खपत कम है और कम जगह में व्यावसायिक गतिविधियां चलाने वाले हैं। वहीं मुन्ना पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए लाभप्रद साबित होगा क्योंकि उसे आसानी से ढोकर ले जा सकते हैं।’’
‘मुन्ना’ के लिए प्रति किलो गैस की कीमत नियमित घरेलू सिलेंड के बराबर होगी, जबकि गैर घरेलू ‘छोटू’ की कीमत थोड़ी अधिक होगी। रमेश ने कहा कि ‘छोटू’ को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया अच्छी रही है और पिछले वित्त वर्ष में करीब 60 से 65 हजार सिलेंडर बेचे गये और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी ऐसे 15 हजार सिलेंडर बेचे गये हैं।
पूर्वोत्तर भारत में इंडियन ऑयल के फिलहाल 871 एलपीजी वितरक हैं, जबकि ग्राहकों की संख्या 91 लाख है। इस क्षेत्र में रसोई गैस खरीदने वाले कुल ग्राहकों की संख्या 112 लाख है। रमेश ने कहा कि पूरे पूर्वोत्तर भारत में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट लगाने की योजना के तहत फिलहाल मेघालय और मिजोरम में ऐसे प्लांट लगाने की बात हो रही है क्योंकि इन दोनों राज्यों में इस तरह की सुविधा नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि 75.54 करोड़ रुपये की अनुमोदित लागत से मेघालय के उमियाम में एक नया 30 टीएमटीपीए (प्रति वर्ष हजार मीट्रिक टन) क्षमता वाले एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र पर वर्तमान में काम जारी है और मिजोरम के मुआलखांग में एक नये 30 टीएमटीपीए क्षमता वाले बॉटलिंग संयंत्र स्थापित करने की योजना है।
जिस पर 193 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि त्रिपुरा के सेकरकोटे में ग्रीन फील्ड पेट्रोलियम, तेल और स्नेहक (पीओएल) डिपो के लिए काम शुरू हो गया है, जिसके लिए आईओसीएल बोर्ड ने 656 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।