भारत में चीन की कंपनियों के 'गोरखधंधे' पर सरकार की नजर, टैक्स चोरी सहित कई आरोप

By विनीत कुमार | Updated: March 7, 2022 12:43 IST2022-03-07T12:41:14+5:302022-03-07T12:43:28+5:30

भारत में चीनी कंपनियों द्वारा की जा रही कई अवैध गतिविधियों के मामले सरकार की नजर में आए हैं। इन कंपनियों द्वारा टैक्स चोरी के मामले पहले से सुर्खियों में हैं।

Indian government eyes on business entities by Chinese in India, many allegations including tax evasion | भारत में चीन की कंपनियों के 'गोरखधंधे' पर सरकार की नजर, टैक्स चोरी सहित कई आरोप

भारत में चीन की कंपनियों के 'गोरखधंधे' पर सरकार की नजर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: देश में चीनी कंपनियों द्वारा करों की कथित चोरी के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने के बाद से सरकार ने दूरसंचार, उच्च शिक्षा और लघु वित्त सहित कई क्षेत्रों में चीन की व्यापारिक संस्थाओं द्वारा या तो सीधे या प्रॉक्सी के माध्यम से अवैध गतिविधियों के कई मामलों का पता लगाया है।

इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कई चीनी कंपनियों को टैक्स की कथित चोरी करते हुए पाया गया है। सुरक्षा और जांच एजेंसियों की ओर से पड़ताल शुरू होने के बाद ये खुलासे हो रहे हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इन सबके बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

बेंगलुरू में पंजीकृत जम्पमंकी प्रमोशन प्राइवेट लिमिटेड (Jumpmonkey Promotions Private Limited) को लेकर ऐसी ही जानकारी सामने आई है। इस फर्म ने विभिन्न ऐसे चीनी फर्म/कंपनियों को फर्जी चालान (18.16 करोड़) जारी किए जिसके निदेशक चीनी नागरिक थे, जबकि असल इन्हें कोई सेवा नहीं दी गई। ऐसा बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने सुगम तरीके से चीनी कंपनियों से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पाने के लिए किया। यह फर्म बियालाडुगु कृष्णन और एक चीनी नागरिक हुटु के द्वारा चलाया जाता है।

सूत्रों के मुताबिक जम्पमंकी ने अवैध चीनी ऋण ऐप चलाने वाली कंपनियों जैसे ट्रूथहाई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड (₹0.36 करोड़), अजया सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (₹0.18 करोड़), बिएनेंस इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (0.19 करोड़ रुपये), गोरूपी इंफिनटेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (₹0.14 करोड़), और वीक्रेड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (0.03 करोड़ रुपये) को फर्जी इनवॉइस जारी किए। सूत्रों के अनुसार यह संभावना है कि जम्पमंकी ने इन अवैध ऋण ऐप कंपनियों को विदेशों में धन शोधन करने में मदद की। जम्पमंकी को 2019 में बनाया गया था। 

सिम कार्ड को लेकर चीन का बड़ा खेल

अखबार के अनुसार 1000 से अधिक प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड भी चीन को निर्यात किए गए थे और कुछ चीनी नागरिकों के माध्यम से भारत में फिर से प्रवेश कराया गया। सूत्रों के मुताबिक करीब 1650 पूर्व-सक्रिय भारतीय सिम कार्ड गुरुग्राम स्थित होटल- स्टार स्प्रिंग के माध्यम से चीन भेजे गए। सिम कार्ड की तस्करी के इस नेटवर्क के मामले में चार चीनी नागरिकों को गिरफ्तार भी किया गया था। प्रमुख चीनी दूरसंचार फर्म 'जेडटीई' (ZTE) के कथित तौर पर होटल के मालिक के साथ करीबी रिश्ते की भी जानकारी सामने आई है जो एक चीनी नागरिक है।

गौरतलब है कि 2021 में जेडटीई कॉर्प के खिलाफ आयकर छापे मारे गए थे, इसके बाद आयकर विभाग ने सैकड़ों करोड़ की कर देय, बेहिसाब धन और कई वित्तीय वर्षों के लिए स्रोत पर कर कटौती आदि में कंपनी को गलत पाया। सोशल मीडिया का भी चीनी कंपनियों द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दुरुपयोग किये जाने के मामले आए हैं। चाइना रेडियो इंटरनेशनल (CRI) ने अपने तमिल प्रसारण में भारत में आर्थिक मंदी और चीन में आर्थिक विकास को दर्शाते हुए लद्दाख में चीनी अधिकारियों की बात का समर्थन करते हुए भारत के कदमों की आलोचना की थी।

पिछले ही महीने आयकर विभाग ने कर चोरी की जांच के तहत चीनी दूरसंचार कंपनी हुवावे के भारत स्थित परिसरों पर छापा मारा था। ये छापेमापी दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरु में कंपनी के परिसरों पर छापे मारे गए।  हुवावे कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) रूट के जरिए रिसर्च प्रोजेक्ट्स के फंडिंग के जरिए भारत में विभिन्न आईआईटी में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है।

Web Title: Indian government eyes on business entities by Chinese in India, many allegations including tax evasion

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