लाइव न्यूज़ :

विदेशों में भाव बढ़ने से यहां भी बढ़े तेल- तिलहन के दाम, सोयाबीन, कच्चा पॉम तेल हुआ महंगा

By भाषा | Updated: January 3, 2021 17:45 IST

Open in App

नयी दिल्ली, तीन जनवरी विदेशों में खाद्य तेलों के दाम बढ़ने के साथ ही वैश्विक स्तर पर हल्के तेलों की मांग बढ़ने से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, बिनौला तथा कच्चे पाम तेल में बढ़त दर्ज की गई।

बाजार सूत्रों के अनुसार देश भर की मंडियों में तिलहन की आवक फिलहाल कम है। किसानों की तरफ से सरसों की आवक देशभर में सवा लाख बोरी से घटकर 65,000 बोरी रह गई है, वहीं सोयायाबीन की प्रति एकड़ उत्पादकता कम रहने से उत्पादन में कमी आई है। यही वजह है कि गत सप्ताहांत इन तेलों के दाम में सुधार दर्ज किया गया।

जानकार सूत्र बताते हैं कि पिछले दो ढाई माह के दौरान विदेशों में खाद्य तेलों के दाम तेजी से बढ़े हैं। इस दौरान सोयाबीन डीगम का भाव 850- 900 डालर प्रति टन से बढ़कर 1165 डालर प्रति टन पर पहुंच गया। वहीं मलेशिया, इंडोनेशिया से आने वाले कच्चे पामॅ तेल का कांडला पहुंच भाव 750- 800 डालर से बढ़कर 1040- 1050 डालर प्रति टन हो गया। उक्रेन से आने वाला सूरजमुखी तेल पिछले छह माह में 850 डालर से बढ़कर 1,250 डालर प्रति पर पहुंच गया।

सूत्रों ने कहा कि ब्राजील और अर्जेन्टीना में शुष्क मौसम के कारण सोयाबीन की ऊपज प्रभावित होने की आशंका है। विदेशों में सोयाबीन तिलहन आठ प्रतिशत, सोयाबीन तेल चार प्रतिशत और तेल रहित सोयाबीन खल (डीओसी) में आठ प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। वहीं भारत तेल रहित खल की निर्यात मांग पिछले साल के मुकाबले 200 प्रतिशत तक बढ़ी है। भारत की खल को दुनिया में सबसे अधिक प्रोटीनयुक्त माना जाता है। इस स्थिति के चलते घरेलू बाजार में गत सप्ताहांत सोयाबीन तेल का मिल डिलीवरी भाव 13,000 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया।

उन्होंने कहा कि देश में सीपीओ के आयात शुल्क में कमी का फायदा लेते हुए मलेशिया में इसके निर्यात शुल्क में लगभग आठ प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई, वहीं इंडोनिशया ने लेवी और निर्यात शुलक में कुल मिलाकर 155 डालर बढ़ा दिये। इसका परिणाम यह हुआ कि कच्चे पॉम तेल का आयात महंगा हो गया। भारत सरकार की ओर से आयात शुल्क में कुल मिलाकर 11 प्रतिशत की कमी किये जाने के बावजूद कच्चे पॉम तेल का आयात महंगा हो गया। इसका असर यह रहा कि गत सप्ताहांत सरसों दाना अपने पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 170 रुपये सुधरकर 6,350-6,400 रुपये क्विन्टल और सरसों दादरी तेल 650 रुपये बढ़कर 12,800 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ। वहीं, निर्यात मांग से मूंगफली दाना सप्ताहांत में 25 रुपये सुधरकर 5,460-5,525 रुपये क्विन्टल और मूंगफली गुजरात तेल का भाव 50 रुपये बढ़कर 13,650 रुपये क्विन्टल पर पहुंच गया।

कच्चा पॉम तेल (सीपीओ) का भाव 200 रुपये बढ़कर 9,850 रुपये, रिफाइंड पामोलिन दिल्ली का भाव 150 रुपये बढ़कर 11,400 रुपये और पामोलीन कांडला (बीना जीएसटी) 100 रुपये सुधरकर 10,500 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया। आयातित तेलों के मुकाबले सस्ता होने के कारण बिनौला तेल भी 550 रुपये सुधरकर (बिना जीएसटी के) 11,000 रुपये क्विंटल हो गया।

बाजार सूत्रों का कहना है कि भारत अपनी 70 प्रतिशत खाद्यतेल जरुरतों के लिए आयात पर निर्भर है। यह स्थिति देश के लिये अच्छी नहीं हो सकती और इस निर्भरता को कम करते हुए घरेलू तेल- तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन की आवश्यकता है। जानकारों का कहना है कि 1990 के दशक में भारत जहां खली का निर्यात कर तेल तिलहन उद्योग 3000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा कमाता था वहीं आज आयात पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च कर रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतबांग्लादेश में हिन्दू युवा के साथ हुई हिंसा के लिए बिहार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने पाकिस्तान को ठहराया जिम्मेवार, कहा- भारत की शांति में खलल पैदा करना चाहता है

भारतUP Govt Budget 2025: योगी सरकार लायी ₹24496.98 करोड़ का अनुपूरक बजट, राज्य के बजट का आकार बढ़कर ₹8,65,079.31 करोड़ हुआ

भारतजम्मू-कश्मीर: बढ़ती सर्दी में खतरा बढ़ा, पहाड़ों से उतरते आतंकी और सीमा पार की साजिशें चिंता का कारण बनीं

भारतभाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभालने के बाद पहली बार पटना पहुंच रहे हैं नितिन नवीन, पार्टी ने की स्वागत की भव्य तैयारी

कारोबारफॉक्सकॉन ने भारत में महिलाओं द्वारा चलाई जा रही नई आईफोन फैक्ट्री में 30,000 नए कर्मचारियों को दी जॉब्स, जानें औसत मासिक सैलरी

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारनए साल में झटका, 1 जनवरी 2026 से 3,000 रुपये तक की बढ़ोतरी, एथर एनर्जी की घोषणा

कारोबारFree Trade Agreement: ओमान, ब्रिटेन, ईएफटीए देशों, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस के बाद न्यूजीलैंड, 95 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क कम, जानें मुक्त व्यापार समझौते के फायदे

कारोबारसाल 2025 में 21361 अंतरराष्ट्रीय और 10.47 लाख से ज्‍यादा घरेलू पर्यटक पहुंचे, कुल पर्यटकों की संख्या 10,68,811, देखिए 12 माह रिपोर्ट कार्ड

कारोबार1118.7 करोड़ रुपये में डील, वरुण बेवरेजेज ने दक्षिण अफ्रीका स्थित कंपनी ट्विजा को किया अधिग्रहण

कारोबारहजार छोटे छोटे घाव देकर खत्म करने की रणनीति?, मोदी सरकार पर मनरेगा खत्म करने का आरोप, सोनिया गांधी ने लिखा लेख