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आयकर पोर्टल दो दिन से ‘अनुपलब्ध’, वित्त मंत्रालय ने इन्फोसिस के सीईओ पारेख को ‘तलब’ किया

By भाषा | Updated: August 22, 2021 22:51 IST

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आयकर विभाग के नए पोर्टल में शुरुआत से ही दिक्कतें आ रही हैं। पिछले लगातार दो दिन से यह पोर्टल ‘अनुपलब्ध’ है। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने पोर्टल बनाने वाली सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख को सोमवार को तलब किया है। पारेख को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है। उन्हें वित्त मंत्री को बताना होगा कि दो महीने बाद भी पोर्टल पर समस्याएं क्यों कायम हैं और उनका हल क्यों नहीं हो पा रहा। इस बीच, कंपनी ने देर शाम एक ट्वीट में कहा कि पोर्टल का आपातकालीन रखरखाव संबंधी कार्य पूरा हो गया है और साइट काम कर रही है। इन्फोसिस द्वारा विकसित नए आयकर दाखिल करने के पोर्टल ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इनकमटैक्स.जीओवी.इन’ को सात जून को शुरू किया गया था। शुरुआत से ही पोर्टल को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। प्रयोगकर्ता लगातार इस बात की शिकायत करते रहे हैं कि या तो पोर्टल अनुपलब्ध है या काफी धीमी रफ्तार से काम कर रहा है। इसी के मद्देनजर आयकर विभाग ने रेमिटेंस फॉर्म को मैनुअल तरीके से दाखिल करने की अनुमति दी है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक तरीके से फॉर्म जमा करने की तारीख को आगे बढ़ाया है। यह पोर्टल 21 अगस्त से ‘उपलब्ध नहीं’ है। इसी के मद्देनजर वित्त मंत्रालय इन्फोसिस के शीर्ष कार्यकारी से पूछेगा कि कैसे कई तरह की अड़चनों की वजह से पोर्टल का सुगम परिचालन प्रभावित हो रहा है। आयकर विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘वित्त मंत्रालय ने इन्फोसिस के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ सलिल पारेख को 23 अगस्त को तलब किया है। पारेख को वित्त मंत्री के समक्ष बताना होगा कि कैसे इस ई-फाइलिंग पोर्टल में समस्याएं जारी हैं। 21 अगस्त से तो यह पोर्टल उपलब्ध नहीं है। आयकर रिटर्न दाखिल करने के इस नए पोर्टल की शुरुआत सात जून को हुई थी। शुरुआत से ही इसमें दिक्कतें आ रही हैं। इन्फोसिस इंडिया की बिजनेस यूनिट ने आज देर शाम एक ट्वीट में कहा, ‘‘आयकर विभाग का आपातकालीन रखरखाव संबंधी कार्य पूरा हो गया है और पोर्टल काम कर रहा है। करदाताओं को हुई किसी भी असुविधा के लिए हमें खेद है।’’इसने इससे पहले आज किए गए ट्वीट में कहा था कि आयकर विभाग का पोर्टल आपात रखरखाव में है। कंपनी ने शनिवार को अपने ट्वीट में कहा था कि पोर्टल तक पहुंच उपलब्ध नहीं हो पा रही है। पोर्टल के शुरू होने के एक पखवाड़े के अंदर प्रयोगकर्ताओं की ओर से शिकायतें आने के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने 22 जून को इन्फोसिस के महत्वपूर्ण अधिकारियों को पोर्टल से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए बुलाया था। उस समय वित्त मंत्री ने कंपनी के अधिकारियों से सभी मुद्दों को बिना किसी देरी के हल करने को कहा था। साथ ही उन्होंने सेवाओं में सुधार तथा शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने के लिए भी कहा था। इस बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया था कि इन्फोसिस के सीईओ पारेख तथा मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) प्रवीन राव ने कंपनी के अन्य अधिकारियों के साथ अंशधारकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर किया है। उन्होंने पोर्टल के कामकाज के तकनीकी मुद्दों की बात को स्वीकार किया है। इन्फोसिस को अगली पीढ़ी की आयकर दाखिल करने वाली प्रणाली विकसित करने का अनुबंध 2019 में मिला था। जून, 2021 तक सरकार ने इन्फोसिस को पोर्टल के विकास के लिए 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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