सरसों, सोयाबीन में सुधार, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन में गिरावट

By भाषा | Updated: October 27, 2021 18:40 IST2021-10-27T18:40:19+5:302021-10-27T18:40:19+5:30

Improvement in mustard, soybean, fall in cottonseed, CPO and palmolein | सरसों, सोयाबीन में सुधार, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन में गिरावट

सरसों, सोयाबीन में सुधार, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन में गिरावट

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर विदेशी बाजारों में कमजोरी के रुख से दिल्ली मंडी में बुधवार को सीपीओ और पामोलीन में गिरावट का रुख रहा। दूसरी ओर देश में खुदरा मांग को पूरा करने के लिए छोटी पेराई मिलों की मांग बढ़ने से सरसों के साथ-साथ सोयाबीन की कीमतों में सुधार देखने को मिला। बाकी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में एक प्रतिशत की गिरावट है जबकि कल रात 1.25 प्रतिशत कमजोर रहने के बाद फिलहाल शिकॉगो एक्सचेंज 0.3 प्रतिशत कमजोर है। उन्होंने कहा कि विदेशी बाजारों में गिरावट के बीच स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों पर भी दबाव रहा।

बाजार के जानकारों ने कहा कि आयातकों को पामोलीन के आयात पर 600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से नुकसान है क्योंकि पहले अधिक आयात के कारण स्टॉक काफी मात्रा में है और आयातकों को अपने पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए आयात के भाव से कम कीमत पर अपना माल बेचना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज के कमजोर होने से सीपीओ और पामोलीन तेल के भाव में गिरावट रही। दूसरी ओर बिनौला की नयी फसल मंडियों में आना शुरू होने से इसके भाव भी टूटे हैं।

सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सोयाबीन की आवक 10 लाख बोरी से घटकर 8.5 लाख बोरी रह गई है। सोयाबीन का जो भाव जुलाई में 10,700 रुपये क्विंटल के उच्चस्तर पर चल रहा था, नयी फसल आने के बाद वह आधे से भी ज्यादा टूटकर लगभग 5,300 रुपये क्विंटल रह गया है। आगे त्योहारों की छुट्टियों के कारण तेल संयंत्र वालों की मांग बढ़ी है जिससे सोयाबीन तेल- तिलहन में सुधार है।

सूत्रों ने कहा कि देश में लगभग 5,000 सरसों की छोटी मिलें हैं जो खुदरा मांग को पूरा करती हैं। इन मिलों की दैनिक सरसों खपत 15-25 बोरी की होती है। लेकिन त्योहारों और जाड़े की खुदरा मांग के बढ़ने से इन छोटी मिलों की दैनिक सरसों मांग बढ़कर 60-70 हजार बोरी की हो गयी है। इसके कारण सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार है। उन्होंने कहा कि देश में विशेषकर उत्तर भारत में सरसों की मांग है जो आगे जाकर और बढ़ेगी।

सलोनी शम्साबाद में सरसों का भाव 9,250 से बढ़ाकर 9,300 कर दिया गया।

सूत्रों ने कहा कि नीचे भाव पर दीवाली की मांग निकलने के कारण मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 8,945 - 8,975 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली - 6,150 - 6,235 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,950 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,040 - 2,165 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 17,925 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,700 -2,740 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,775 - 2,885 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,500 - 18,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,050 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,650 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,580

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,510 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,750 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,000 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,830 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 5,250 - 5,400, सोयाबीन लूज 5,100 - 5,200 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 3,825 रुपये।

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Web Title: Improvement in mustard, soybean, fall in cottonseed, CPO and palmolein

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