वृहत आर्थिक स्थिति में सुधार से बैंकों में दबाव होंगे कम: एस एं पी
By भाषा | Published: February 24, 2021 09:58 PM2021-02-24T21:58:45+5:302021-02-24T21:58:45+5:30
नयी दिल्ली, 24 फरवरी साख निर्धारित करने वाली एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि वृहत आर्थिक स्थिति में सुधार से भारत के बैंक क्षेत्र में दबाव कम हो सकता है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के असर से बैंकों के बचाव के लिए भारत सरकार की ओर से किये गये उपाय काफी हद तक सफल रहे लेकिन महामारी का प्रभाव पड़ना तय है। एस एंड पी ने एक बयान में कहा, ‘‘हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है, लेकिन कोरोना वायरस संकट के कारण जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को 10 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। हमारा अनुमान है कि बैंकों के कुल ऋण का 12 प्रतिशत ऋण दबाव में है।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत के वृहत आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ देश के बैंक क्षेत्र में दबाव कम हो सकता है।
भारत का आर्थिक जोखिम की प्रवृत्ति स्थिर है और भारतीय बैंकों के लिये कर्ज जोखिम काफी ऊंचा बना हुआ है।
एस एंड पी के अनुसार सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) के लिये आपातकालीन श्रण गारंटी योजना जैसे कदमों से दबाव कम होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में भी संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी गठित करने और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने की घोषणा की गयी है।
एस एंड पी के अनुसार इन उपायों से बैंकों को लाभ हो सकता है। हालांकि भारत में चुनौती क्रियान्वन के स्तर पर होती है।
रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि भारतीय बैंकों की कमाई पिछले कुछ साल से तुलनात्मक आधार कमजोर होने के साथ धीरे-धीरे बढ़ेगी।
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