IIT Indore: प्लास्टिक कचरे से हरित हाइड्रोजन गैस बनाने का आसान और असरदार तरीका खोजा, ‘कचरे से कमाई’ के नये रास्ते खुलेंगे, दौड़ेगी कार, आईआईटी इंदौर का कमाल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 13, 2023 06:06 PM2023-07-13T18:06:05+5:302023-07-13T18:08:31+5:30
IIT Indore: आईआईटी प्रबंधन के मुताबिक तीन बरस की मेहनत से संपन्न यह अनुसंधान न केवल प्लास्टिक अपशिष्ट के निपटारे की वैश्विक समस्या हल कर सकता है, बल्कि ‘कचरे से कमाई’ के नये रास्ते भी खोल सकता है।
IIT Indore: इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने पीईटी प्लास्टिक के कचरे से हरित हाइड्रोजन गैस बनाने का आसान और असरदार तरीका खोज निकाला है। आईआईटी प्रबंधन के मुताबिक तीन बरस की मेहनत से संपन्न यह अनुसंधान न केवल प्लास्टिक अपशिष्ट के निपटारे की वैश्विक समस्या हल कर सकता है, बल्कि ‘कचरे से कमाई’ के नये रास्ते भी खोल सकता है।
आईआईटी के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर संजय के. सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया,‘‘हम पानी में प्लास्टिक के कचरे को बारीक टुकड़े, उत्प्रेरक और अन्य पदार्थ डालकर 160 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गर्म करते हैं। इस रासायनिक प्रक्रिया से निकलने वाली 100 प्रतिशत शुद्ध हाइड्रोजन गैस को इकट्ठा कर लिया जाता है।’’
उन्होंने बताया कि रासायनिक प्रक्रिया के जरिये पीईटी प्लास्टिक के 33 किलोग्राम कचरे से एक किलोग्राम शुद्ध हाइड्रोजन गैस बनाई जा सकती है और माना जाता है कि इतना हरित ईंधन हाइड्रोजन से चलने वाली कार को 100 किलोमीटर तक दौड़ाने के लिए काफी है। केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में 19,744 करोड़ रुपये का प्रावधान करते हुए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन अभियान को हरी झंडी दी थी।
ताकि भारत को इस ईंधन के उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाया जा सके। इस महत्वाकांक्षी अभियान के तहत वर्ष 2030 तक देश में कम से कम 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन बनाने की सालाना क्षमता विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है। आईआईटी इंदौर के एक अधिकारी ने कहा कि हरित हाइड्रोजन बनाने के संस्थान के अनुसंधान से इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सकती है।