हिंडनबर्ग रिसर्च का पलटवार- हम मानते हैं उभरती हुई महाशक्ति है भारत, तिरंगा ओढ़कर लूट रहा अडानी ग्रुप
By मनाली रस्तोगी | Published: January 30, 2023 09:30 AM2023-01-30T09:30:46+5:302023-01-30T10:58:30+5:30
गौतम अडानी के समूह ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए हानिकारक आरोपों की तुलना भारत, इसकी संस्थाओं और विकास की कहानी पर "सुनियोजित हमले" से की।
नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के इन आरोपों को खारिज कर दिया है कि समूह के खिलाफ उसकी रिपोर्ट भारत पर हमला थी। अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग इकाई ने सोमवार को कहा कि धोखाधड़ी को 'राष्ट्रवाद' या 'कुछ बढ़ा-चढ़ाकर प्रतिक्रिया' से ढंका नहीं जा सकता। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ दिन में भारी गिरावट आई है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 413 पन्नों के जवाब में कही ये बात
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के जवाब में रविवार को 413 पृष्ठ का 'स्पष्टीकरण' जारी किया है। अडानी समूह की प्रतिक्रिया पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और उभरती महाशक्ति है। अडानी समूह 'व्यवस्थित लूट' से भारत के भविष्य को रोक रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च अपनी रिपोर्ट पर कायम है।
Adani Group has attempted to conflate its meteoric rise&wealth of Chairman, Gautam Adani, with the success of India itself. We disagree. To be clear, we believe India a vibrant democracy&an emerging superpower w/an exciting future: Hindenburg responds to Adani's 413-page rebuttal pic.twitter.com/IgE1HrCsvl
— ANI (@ANI) January 30, 2023
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से शेयरों में गड़बड़ी और लेखे-जोखे की हेराफेरी में शामिल रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी के समूह ने अपनी प्रतिक्रिया की शुरुआत इस दावे के साथ की कि हम 'मैडॉफ ऑफ मैनहटन' हैं। बर्नाड लॉरेंस मैडॉफ को पोंजी घोटाले में 2008 में गिरफ्तार कर 150 साल की सजा सुनाई गई थी।
धोखाधड़ी धोखाधड़ी ही है: हिंडनबर्ग रिसर्च
अडानी ने यह भी दावा किया कि हमने लागू प्रतिभूति और विदेशी विनिमय नियमों का उल्लंघन किया है। अडानी समूह ने रविवार शाम को इन आरोपों के जवाब में कहा था कि यह हिंडनबर्ग द्वारा भारत पर सोच-समझकर किया गया हमला है। समूह ने कहा था कि ये आरोप और कुछ नहीं सिर्फ 'झूठ' हैं।
अडानी समूह ने कहा था कि यह रिपोर्ट एक कृत्रिम बाजार बनाने की कोशिश है जिससे शेयरों के दाम नीचे लाकर अमेरिका की कंपनियों को वित्तीय लाभ पहुंचाया जा सके। समूह ने यह भी कहा था कि यह रिपोर्ट गलत तथ्यों पर आधारित निहित मंशा से जारी की गई है।
समूह ने कहा था, "यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, तथा भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है।"
हिंडनबर्ग रिसर्च ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि धोखाधड़ी, धोखाधड़ी ही होती है चाहे इसे दुनिया के सबसे अमीर आदमी ने अंजाम क्यों न दिया हो। हिंडनबर्ग ने कहा कि हमने अडानी समूह से 88 विशेष सवाल किए थे जिनमें से समूह 62 का सही तरीके से जवाब देने में विफल रहा।
शॉर्ट सेलिंग में विशेषज्ञता रखने वाली न्यूयॉर्क की एक छोटी सी कंपनी की रिपोर्ट के बाद सिर्फ दो कारोबारी सत्रों में अडानी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 50 अरब डॉलर से अधिक घट गया है। अडानी को खुद 20 अरब डॉलर का घाटा हुआ है। इस रिपोर्ट के बाद अडानी की संपदा में करीब 20 प्रतिशत की कमी आई है।
(भाषा इनपुट के साथ)