लाइव न्यूज़ :

उच्च न्यायालय ने नये वाहनों का शत- प्रतिशत नुकसान का बीमा अनिवार्य करने के आदेश को स्थगित रखा

By भाषा | Updated: September 2, 2021 19:09 IST

Open in App

मद्रास उच्च न्यायालय ने नए मोटर वाहनों के लिए अनिवार्य रूप से पांच साल तक शत प्रतिशत नुकसान की भरपाई करने वाला पूर्ण बीमा (बंपर-टू-बंपर) कराने के अपने आदेश को फिलहाल स्थगित रखा है। साधारण बीमा कंपनी (जीआईसी) ने अदालत से अनुरोध किया था कि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) की मंजूरी के बिना इस फैसले को लागू नहीं किया जा सकता है और ऐसा करने के लिए 90 दिनों की जरूरत होगी। इसके बाद न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने चार अगस्त को पारित अपने आदेश को स्थगित रखने का फैसला किया। मद्रास उच्च न्यायालय ने इससे पहले फैसला देते हुये कहा था कि एक सितंबर से बिकने वाले नये मोटर वाहनों का संपूर्ण बीमा (बंपर-टू-बंपर) अनिवार्य रूप से होना चाहिए। संपूर्ण बीमा यानी ‘बंपर-टू-बंपर’ बीमा में वाहन के फाइबर, धातु और रबड़ के हिस्सों सहित 100 प्रतिशत नुकसान का बीमा मिलता है। जीआईसी के वकील ने बुधवार को यह मामला उठाते हुए न्यायमूर्ति वैद्यनाथन से कहा कि इरडई एक नियामक संस्था है और इसकी मुख्य भूमिका बीमा व्यवसाय के क्षेत्र में सामने आने वाले सामान्य मुद्दों के संबंध में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों दोनों के साथ तालमेल स्थापित करना है। इसलिए, यह जरूरी है कि जीआईसी और इरडई, दोनों को इस अपील में पक्षकार बनाया जाए और उनकी बात सुनी जाए। उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवहन आयुक्त ने 31 अगस्त को राज्य के सभी क्षेत्रीय परिवहन विभागों को अदालत के आदेश का प्रभावी कार्यान्वयन करने के लिए एक परिपत्र जारी किया था। जीआईसी के वकील ने 31 अगस्त को एक याचिका दायर कर कहा था कि बीमा कंपनियां अदालत के आदेशों का पालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे केवल उन उत्पादों का वितरण करती हैं, जिन्हें इरडई मंजूरी देता है। उन्होंने अनुरोध किया कि बीमा कंपनियों को इरडई की मंजूरी के बाद कंप्यूटर सिस्टम में बदलाव करने के लिए 90 दिनों का वक्त चाहिए। तब तक, अदालत अपने आदेश को स्थगित कर सकती है। न्यायाधीश ने कहा कि जीआईसी के वकील की दलीलों के मद्देनजर इस अदालत का विचार है कि जीआईसी और इरडाई इस मामले के जरूरी पक्ष हैं और इसके साथ ही अतिरिक्त मुख्य सचिव, परिवहन विभाग और संयुक्त परिवहन आयुक्त (आर) भी इसके पक्षकार होंगे। अदालत ने इस बीच चार अगस्त को पारित अपने आदेश को फिलहाल स्थगित कर दिया। पक्षकारों को सुनने के बाद जरूरी होने पर कोई स्पष्टीकरण जारी किया जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतफिर खुलेगी आईएएस संतोष वर्मा की फाइल, हाईकोर्ट ने पुलिस जांच को दी मंजूरी

बॉलीवुड चुस्कीशिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा 60 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में नई अपडेट

भारतनागपुर-वर्धा रोडः राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर हजारों किसान, पूर्ण कृषि ऋण माफी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बच्चू कडू, हाईकोर्ट ने सड़क खाली करने को कहा

कारोबारभारतीय कानून के तहत संपत्ति के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता, मद्रास उच्च न्यायालय का अहम फैसला

क्राइम अलर्टकेरल से बेंगलुरु के केआर पुरम रेलवे स्टेशन पहुंची थी 19 साल की लड़की, भाई के साथ रात को भोजन के लिए जा रही थी, 2 लोगों ने घेरा और एक ने भाई को पकड़ा और दूसरे ने किया रेप

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट कैंसिल होने पर माफी मांगी, कहा- बताया कब स्थिति हो जाएगी सामान्य

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन

कारोबारGPS Spoofing: 'इसे हल्के में मत लो!' अंकुर चंद्रकांत का अलर्ट हुआ वायरल, कौन हैं निशाने पर?