क्या वाकई में रोजगार की स्थिति में सुधार, जानिए ईपीएफओ 2024 के आंकड़ें क्या बता रहे..
By आकाश चौरसिया | Published: April 21, 2024 04:59 PM2024-04-21T16:59:57+5:302024-04-21T17:07:03+5:30
EPFO: 2020-21 में यह संख्या गिरी और कुल 77.08 लाख जा पहुंची, इसके लिए महामारी यानी कोविड को जिम्मेदार ठहराया गया और बताया ये भी जा रहा है कि साल 2021-22 में यह संख्या 1.22 करोड़ की हो गई।
![Has the employment situation really improved Know what the EPFO figures | क्या वाकई में रोजगार की स्थिति में सुधार, जानिए ईपीएफओ 2024 के आंकड़ें क्या बता रहे.. Has the employment situation really improved Know what the EPFO figures | क्या वाकई में रोजगार की स्थिति में सुधार, जानिए ईपीएफओ 2024 के आंकड़ें क्या बता रहे..](https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/epfo-kome-621x414livemint_201907101431.jpg)
फाइल फोटो
EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संस्था (ईपीएफओ) की रिपोर्ट की मानें तो चालू वित्त-वर्ष 2024 में साल दर साल 19 फीसदी की दर से 1.65 करोड़ नए सदस्य बने हैं। इस बात के नए आंकड़े जारी हुए हैं और सामने आई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नवीनतम पेरोल डेटा से पता चलता है कि देश में रोजगार की स्थिति में सुधार हुआ है।
श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ''पिछले साढ़े 6 साल में ही 6.1 करोड़ से अधिक सदस्य ईपीएफओ से जुड़े, इससे साफ जाहिर है कि बाजार में हालत सुधर रहे हैं। आंकड़ों से ये भी पता चल रहा है कि ईपीएफओ में साल 2018-19 के समय सिर्फ 61.12 लाख ही सब्सक्राइबर्स थे, जो 2019-20 में उनकी संख्य बढ़ी और उनकी संख्या 78.58 लाख हो गई।
हालांकि, 2020-21 में यह संख्या गिरी और कुल 77.08 लाख जा पहुंची, इसके लिए महामारी यानी कोविड को जिम्मेदार ठहराया गया और बताया ये भी जा रहा है कि साल 2021-22 में यह संख्या 1.22 करोड़ की हो गई और 2022-23 में 1.38 करोड़ जा पहुंची।
अधिकारी ने कहा कि निकाय द्वारा ईपीएफ शुद्ध ग्राहकों की संख्या 2022-23 में 1.38 करोड़ की तुलना में 2023-24 में 19 फीसद से अधिक बढ़कर 1.65 करोड़ हो गई। अधिकारी ने कहा कि ईपीएफओ सदस्यता में शुद्ध वृद्धि नौकरी बाजार की औपचारिकता और संगठित या अर्ध-संगठित क्षेत्र के कार्यबल के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभों के कवरेज की सीमा को दर्शाती है।
कोविड-19 महामारी के दौरान, EPFO सदस्यता में शुद्ध वृद्धि गिर गई और अप्रैल-मई 2020 में नकारात्मक हो गई। कोविड महामारी में लगी पाबंदियों के हटने के बाद ईपीएफओ के सब्सक्रिप्शन में बढ़ोतरी हुई और यह सितंबर, 2023 में बढ़कर 12.2 लाख हो गया था।