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वित्त वर्ष 2019-20ः जीएसटी रिटर्न भरने की आखिरी तारीख बढ़ी, जानिए क्या है लास्ट डेट

By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 1, 2021 16:22 IST

GST Return Filing Last Date: जीएसटी रिटर्न-9 और जीएसटी रिटर्न-9सी सभी करदाताओं के लिए एक वार्षिक वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ से अधिक की कर योग्य आय के साथ एक वार्षिक ऑडिट फॉर्म है।

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ठळक मुद्देजीएसटीआर 9सी ऑडिट फॉर्म के अलावा ऑडिट प्रमाणन भी पूरा करना होगा। खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि वह पांच मार्च से राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की शुरुआत करेगा।संगठन ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा ई-वाणिज्य से संबंधित मुद्दों को लेकर होगा।

GST Return Filing Last Date: वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भरने वालों के लिए खुशखबरी दी है। 

वार्षिक रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दी गई है। पहले यह समयसीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 28 फरवरी 2021 कर दी गयी थी। जीएसटी (माल और सेवा कर) एक अप्रत्यक्ष कर है, जिसने भारत में अप्रत्यक्ष करों की जगह ले ली है। उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट सभी इसमें शामिल हैं।

29 मार्च, 2017 को संसद ने जीएसटी अधिनियम पारित किया, जो 1 जुलाई, 2017 को प्रभावी हुआ। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘समयसीमा के भीतर रिटर्न भरने में करदाताओं को आ रही दिक्कतों के मद्देनजर सरकार ने 2019-20 के लिये जीएसटी रिटर्न-9 और जीएसटी रिटर्न-9सी भरने की समयसीमा और बढ़ा दी है। समयसीमा में यह विस्तार चुनाव आयोग की मंजूरी के साथ किया गया है।’’

जीएसटीआर-9 एक वार्षिक रिटर्न है, जो जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं को भरना होता है। जीएसटआर-9सी ऑडिट किये गये सालाना वित्तीय लेखा-जोखा और जीएसटीआर-9 का मिलान है। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा, ‘‘भले ही यह 31 दिनों का अपेक्षाकृत छोटा विस्तार है, लेकिन कर पेशेवरों के लिये आवश्यक जिम्मेदारी पूरा करने के लिये पर्याप्त है।’’

विवाद से विश्वास योजनाः समयसीमा 31 मार्च तक बढ़ी

आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास’ के अंतर्गत विवरण देने की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च और भुगतान के लिए समय 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। आयकर विभाग ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘सीबीडीटी ने विवाद से विश्वास कानून के तहत घोषणा करने की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 कर दी है। बिना अतिरिक्त राशि के भुगतान की समयसीमा बढ़ाकर 30 अप्रैल, 2021 कर दी गयी है।’’ इस योजना के तहत घोषणा करने की समयसीमा 28 फरवरी थी जबकि विवादित कर राशि भुगतान की समयसीमा 31 मार्च थी।

अबतक 1,25,144 मामलों के निस्तारण के लिए विवाद से विश्वास योजना के विकल्प को चुना गया है। यह विभिन्न कानूनी मंचों में लंबित 5,10,491 मामलों का 24.5 प्रतिशत है। करीब 97,000 करोड़ रुपये मूल्य के विवादित कर के मामलों में इस योजना को चुना गया है।

विवाद से विश्वास योजना आकलन के संदर्भ में विवादित कर, विवादित ब्याज, विवादित जुर्माना या विवादित शुल्क के निपटान का विकल्प उपलब्ध कराता है। इसके तहत विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 प्रतिशत देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है। प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून 17 मार्च, 2020 को अमल में आया। इसका मकसद विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों के निपटान के लिये संबंधित करदाताओं को विकल्प उपलब्ध कराना है। 

(इनपुट एजेंसी)

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