GST Council: गेम ओवर!, जीएसटी बढ़ने के बाद हजारों नौकरियों पर संकट, भारतीय गेमिंग कंपनियों ने कहा-फैसला असंवैधानिक और तर्कहीन
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 12, 2023 16:03 IST2023-07-12T16:01:01+5:302023-07-12T16:03:31+5:30
GST Council: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगाई जाने वाली कुल राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का फैसला किया।

GST Council: गेम ओवर!, जीएसटी बढ़ने के बाद हजारों नौकरियों पर संकट, भारतीय गेमिंग कंपनियों ने कहा-फैसला असंवैधानिक और तर्कहीन
GST Council: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने अप्रत्यक्ष करों पर शीर्ष निकाय की 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कैसीनो पर पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने को मंजूरी दे दी। इस क्षेत्र में काम करने वाले हजारों लोगों का रोजगार भी खत्म हो जाएगा।
कंपनियों ने कहा कि जीएसटी परिषद द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर अप्रत्यक्ष कर बढ़ाने का हालिया निर्णय 'भारत के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को खत्म कर देगा और हजारों को बेरोजगार कर देगा। सीईए पर जीएसटी लगाने से वैध ऑनलाइन गेमिंग उद्योग अव्यवहार्य हो जाएगा।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले से नए गेम में निवेश करने की उनकी क्षमता सीमित होने के साथ नकद प्रवाह और कारोबार विस्तार पर भी असर पड़ेगा। जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर पूर्ण कारोबार मूल्य पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का फैसला किया गया है।
नजारा, गेम्सक्राफ्ट, जुपी और विंजो जैसी गेमिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) ने कहा कि जीएसटी परिषद का यह फैसला असंवैधानिक और तर्कहीन है। एआईजीएफ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोलैंड लैंडर्स ने कहा, "यह निर्णय पूरे भारतीय गेमिंग उद्योग को खत्म कर देगा और लाखों लोगों की नौकरी चली जाएगी।
इससे सिर्फ राष्ट्र-विरोधी गैरकानूनी विदेशी मंच ही लाभान्वित होंगे।" उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार इस उद्योग का समर्थन करती रही है तो इस मामले का विस्तार से अध्ययन करने वाले मंत्री समूह (जीओएम) के अधिकांश सुझाव नजरअंदाज करते हुए कानूनी रूप से ऐसा कमजोर निर्णय लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने सरकार और जीएसटी परिषद से 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का अनुरोध किया था। इंडियाप्लेज के मुख्य परिचालन अधिकारी आदित्य शाह ने कहा, "28 प्रतिशत कर लगाने से गेमिंग उद्योग के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी।
ऊंचे कर का बोझ कंपनियों के नकद प्रवाह को प्रभावित करेगा जिससे नवाचार, अनुसंधान और व्यापार विस्तार में निवेश करने की उनकी क्षमता भी सीमित हो जाएगी।" उन्होंने यह भी कहा कि कौशल-आधारित गेम और सट्टेबाजी में लगे ऐप्स या कसीनो के साथ एक जैसा बर्ताव नहीं होना चाहिए।
गेम्स 24x7 और जंगली गेम्स जैसी कंपनियों के संगठन ई-गेमिंग फेडरेशन ने कहा कि कर का बोझ बढ़ने से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग न केवल अव्यवहार्य हो जाएगा बल्कि यह वैध कर-भुगतान करने वाली इकाइयों के बजाय काला बाजारी करने वाले परिचालकों को बढ़ावा देगा।