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सरकार का स्वास्थ्य खर्च में हिस्सा बढ़कर 2017-18 में जीडीपी के 1.35 प्रतिशत पर : एनएचए रिपोर्ट

By भाषा | Updated: November 29, 2021 16:03 IST

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नयी दिल्ली, 29 नवंबर सरकार का स्वास्थ्य क्षेत्र में 2017-18 में कुल खर्च बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.35 प्रतिशत पहुंच गया, जबकि 2013-14 में यह 1.15 प्रतिशत था। सोमवार को जारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमान से यह जानकारी मिली है।

रिपोर्ट के अनुसार नागरिकों का प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य खर्च घटकर 2017-18 में 2,097 रुपये रहा जो 2013-14 में 2,336 रुपये था।

एनएचए की 2017-18 की रिपोर्ट के अनुसार कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकार का खर्च 2017-18 में बढ़कर 40.8 प्रतिशत रहा जो 2013-14 में 28.6 प्रतिशत था।

यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (एनएचएसआरसी) द्वारा तैयार पांचवीं एनएचए रिपोर्ट है। इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2014 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा तकनीकी सचिवालय (एनएचएटीएस) के रूप में नामित किया है।

एनएचए अनुमान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत स्वास्थ्य लेखा प्रणाली, 2011 के आधार पर लेखा व्यवस्था का उपयोग कर तैयार किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 2017-18 का एनएचए अनुमान न केवल सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ते व्यय की प्रवृत्ति को बताता है बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था के प्रति लोगों के बढ़ते भरोसे को भी प्रतिबिंबित करता है।

मंत्रालय के अनुसार, ये अनुमान न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तुलनीय है, बल्कि नीति-निर्माताओं के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में सभी तक स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा पहुंचाने की परिकल्पना को हकीकत का रूप देने की दिशा में प्रगति पर नजर रखने में मददगार है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि 2017-18 के लिए एनएचए के अनुमान से स्पष्ट है कि देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सरकार के स्वास्थ्य व्यय का हिस्सा बढ़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह (जीडीपी के अनुपात के रूप में स्वास्थ्य व्यय) 2013-14 में 1.15 प्रतिशत था जो बढ़कर 2017-18 में 1.35 प्रतिशत हो गया। साथ ही सरकार का कुल स्वास्थ्य व्यय में खर्च भी इस दौरान बढ़ा है। वर्ष 2017-18 में बढ़कर यह 40.8 प्रतिशत हो गया जो 2013-14 में 28.6 प्रतिशत था।

प्रति व्यक्ति खर्च के हिसाब से सरकार का स्वास्थ्य मद में खर्च 2017-18 में 1,753 रुपये रहा जो 2013-14 में 1,042 रुपये था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार का सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर प्रयास का सकारात्मक असर दिख रहा है। लोगों का स्वास्थ्य सेवाओं पर अपनी जेब से खर्च 2017-18 में घटकर 48.8 प्रतिशत रहा जो 2013-14 में 64.2 प्रतिशत था।

रिपोर्ट के अनुसार, कुल स्वास्थ्य व्यय 2013-14 में छह प्रतिशत था जो 2017-18 में बढ़कर करीब नौ प्रतिशत हो गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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