सरकारी योजनाओं में संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिये सीएसआर व्यय का वित्तपोषण नहीं: एमसीए

By भाषा | Published: August 27, 2021 12:28 AM2021-08-27T00:28:33+5:302021-08-27T00:28:33+5:30

Government schemes not funding CSR expenditure to meet resource crunch: MCA | सरकारी योजनाओं में संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिये सीएसआर व्यय का वित्तपोषण नहीं: एमसीए

सरकारी योजनाओं में संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिये सीएसआर व्यय का वित्तपोषण नहीं: एमसीए

कंपनी कानून के तहत कंपनी सामाजिक दायित्व (सीएसआर) खर्च को सरकारी योजनाओं में संसाधनों की कमी का वित्तपोषण करने के स्रोत के तौर पर परिभाषित नहीं किया जाना चाहिये। कार्पोरेट कार्य मंत्रालय ने सीएसआर के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जारी आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब में यह कहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कंपनियों द्वारा अपने व्यवसाय के दौरान की जाने वाली सामान्य गतिविधियों को सीएसआर कार्य नहीं माना जाना चाहिये। हालांकि, मंत्रालय ने कोविड के मामले में नये टीके, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के लिये अनुसंधान एवं विकास कार्यों में लगी कंपनियों को इससे छूट दी है। इन कंपनियों को यह छूट 2022- 23 तक तीन वित्तीय वर्षों के लिये होगी। मंत्रालय द्वारा 25 अगस्त को जारी आमतौर पर पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देते हुये यह कहा गया है। मंत्रालय ने कहा है कि इस मामले में यह छूट केवल तब होगी जब कंपनियां अनूसूची- सात के आइटम (नौ) में उल्लिखित संगठनों के साथ गठबंधन करते हुये शोध एवं विकास कार्य में लगी होगी। उसे इसके बारे में अपने निदेशक मंडल की रिपोर्ट में भी बताना होगा। कंपनी अधिनियम 2013 के तहत सीएसआर के मामले में इस तरह के संगठनों में लोक वित्तपोषित विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) शामिल हैं। कानून के तहत मुनाफा कमाने वाले कुछ खास श्रेणी की कंपनियों को अपने तीन साल के औसत मुनाफे का कम से कम दो प्रतिशत एक वित्त वर्ष में कंपनी सामाजिक दायित्व की गतिविधियों में खर्च करना होता है। मंत्रालय ने कहा है कि सीएसआर प्रावधान कंपनियों को सामाजिक विकास की प्रक्रिया में भागीदार के तौर पर शामिल करने के लिये है। मंत्रालय ने कहा है कि सार्वजनिक हित में कंपनियों के नवोन्मेष और प्रबंधन कौशल का इस्तेमाल ही सीएसआर क्रियान्वयन के मूल में है। इसे देखते हुये सीएसआर को सरकारी योजनाओं में संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिये वित्तपोषण के स्रोत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिये। हालांकि, पात्र कंपनी का निदेशक मंडल स्वतंत्र रूप से इसी तरह की गतिविधियों को चला सकता है। लेकिन यह काम कंपनी (सीएसआर नीति) नियम 2014 के अनुपालन के तहत होना चाहिये। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि सीएसआर कार्यों में कंपनी के कर्मचारियों का शामिल होने को सीएसआर व्यय के तहत नहीं लाया जा सकता है। सीएसआर गतिविधियों में किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन को क्रियान्वयन एजेंसी के तौर पर नहीं लगाया जा सकता। हालांकि कोई कंपनी किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन को सीएसआर परियोजना अथवा कार्यक्रम में डिजाइन, निगरानी और मूल्यांकन जैसे सीमित कार्यों में शामिल कर सकती है।

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