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‘सरकार ने कहा, विवाद के निपटारे के लिए केयर्न से कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है’

By भाषा | Updated: August 2, 2021 18:45 IST

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नयी दिल्ली, दो अगस्त सरकार ने सोमवार को कहा कि उसे केयर्न एनर्जी की तरफ से कर उसके साथ विवाद का देश के कानूनी ढांचे के भीतर हल करने के लिए कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। गौर तलब है कि अंतरराष्ट्रीय एक मध्यस्थता मंच ने भारत सरकार के साथ कर सबंधी विवाद में कंपनी के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए उसे क्षतिपूर्ति और ब्याज सहित 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर का भुगतान करे।

मध्यस्थता अदालत ने दिसंबर के अपने निर्णय में सरकार को आदेश दिया था कि वह केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर का मुआवजा और उस पर ब्याज तथा कानूनी लड़ाई का हर्जाना आदि चुकाए।

भारत सरकार ने इस आदेश को स्वीकार नहीं किया, जिसके बाद केयर्न एनर्जी ने भारत सरकार की संपत्ति को जब्त करके देय राशि की वसूली के लिए विदेशों में कई न्यायालयों में अपील की।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, ‘‘फ्रांस की एक अदालत ने भारत सरकार की कुछ संपत्तियों को पेरिस में जब्त करने का आदेश पारित किया है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या केयर्न ने विवाद के किसी भी प्रकार के सौहार्दपूर्ण समाधान की पेशकश की है, चौधरी ने कहा, ‘‘देश के कानूनी ढांचे के भीतर समाधान के लिए कोई औपचारिक प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।’’ हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।

इस संबंध में हर्जाना वसूलने के लिए एक फ्रांसीसी अदालत से फ्रांस में 20 भारतीय सरकारी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया।

तीन सदस्यीय अंतराष्ट्रीय पंचाट ने पिछले साल दिसंबर में एकमत से केयर्न पर भारत सरकार की पिछली तारीख से संशोधित कर कानून के आधार पर कंपनी से कर की मांग को खारिज कर दिया था। न्यायाधिकरण में भारत की ओर से नियुक्त एक जज भी शामिल थे। न्यायाधिकरण ने सरकार को उसके द्वारा बेचे गए शेयरों, जब्त लाभांश और कर रिफंड को वापस करने का निर्देश दिया है।

चार साल के दौरान पंचनिर्णय प्रक्रिया में शामिल रहने के बावजूद भारत सरकार ने इस फैसले को स्वीकार नहीं किया और न्यायाधिकरण की सीट- नीदरलैंड की अदालत में इसे चुनौती दी थी।

इस आदेश के बाद के शुरुआती महीनों में सरकार चाहती थी कि विवाद का निपटारा 'विवाद से विश्वास' योजना के तहत हो।

कर विवाद को निपटाने के लिए लाई गई यह योजना अब बंद हो चुकी है और इसके तहत समाधान का अर्थ था कि केयर्न को 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के दावे के लगभग एक तिहाई हिस्से के बराबर राहत मिलती।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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