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सरकार ने अप्रैल के औद्योगिक उत्पादन के आंशिक आंकड़े ही जारी किये, आईआईपी 126.6 अंक पर

By भाषा | Updated: June 11, 2021 22:12 IST

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नयी दिल्ली, 11 जून सरकार ने अप्रैल माह के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के पूर्ण आंकड़े जारी नहीं करने का फैसला किया है। कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते पिछले साल भी सरकार ने अप्रैल महीने के आईआईपी आंकड़े जारी नहीं किये थे।

पिछले साल जून में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने कारखाना उत्पादन पर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक उत्पादन पर पड़े प्रभाव के कारण आईआईपी आंकड़ों को रोक लिया गया था। इस साल भी अप्रैल के पूर्ण आंकड़े जारी नहीं किये जा रहे हैं। इस साल अप्रैल में आईआईपी 126.6 अंक रहा जो कि 2019 अप्रैल के करीब करीब बराबर ही है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले यह 134 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है, क्योंकि पिछले साल अप्रैल में औद्योगिक गतिविधियां काफी कुछ बंद थी।

एनएसओ ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण मार्च 2020 के अंत में लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के कारण अप्रैल 2020 में ज्यादातर प्रतिष्ठानों में कोई काम-काज नहीं हो सका। इसके कारण औद्योगिक उत्पादन भी न के बराबर रहा। जिससे आईआईपी के पूर्ण आंकड़े प्रभावित हुए हैं। इसलिए अप्रैल 2021 के आंकड़ों की अप्रैल 2020 के साथ तुलना नहीं की जा सकती है।’’

इस साल भी महामारी की दूसरी लहर की वजह से विभिन्न राज्यों में लगाए गए अंकुशों के चलते औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। एनएसओ द्वारा जारी आंशिक आंकड़ों के अनुसार इस साल अप्रैल में आईआईपी (साधारण सूचकांक) 126.6 अंक रहा है। अप्रैल, 2020 में आईआईपी 54 अंक और अप्रैल 2019 में 126.5 अंक रहा था।

पिछले साल अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में 57.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

आंशिक आंकड़ों के अनुसार निचले आधार प्रभाव की वजह से अप्रैल, 2021 में आईआईपी की वृद्धि दर पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 134 प्रतिशत रही है। लेकिन यदि अप्रैल, 2019 से तुलना की जाए, तो आईआईपी की वृद्धि दर स्थिर रही है।

इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में जो शुरुआती पुनरूद्धार शुरू हुआ था वह महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित हुआ है।

एनएसओ के अनुसार, अप्रैल, 2021 में खनन, विनिर्माण और बिजली क्षेत्रों का सूचकांक क्रमश: 108, 125.1 और 174 अंक रहा। उपयोग आधारित वर्गीकरण के हिसाब से प्राथमिक वस्तुओं के लिए यह 126.7 अंक, पूंजीगत सामान के लिए 82.4, मध्यवर्ती वस्तुओं के लिए 137.9 अंक और बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुओं के लिए 134.8 अंक रहा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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