लाइव न्यूज़ :

सरकार ने कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क घटाया, खाद्य तेलों के दाम घटाने में मिलेगी मदद

By भाषा | Updated: June 30, 2021 00:15 IST

Open in App

नयी दिल्ली 29 जून सरकार ने घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में कमी लाने के उद्देश्य से मंगलवार को कच्चे पाम तेल पर लगने वाला आयात शुल्क की मानक दर को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। अन्य पाम तेलों पर यह 37.5 प्रतिशत होगी। यह निर्णय 30 सितंबर तक जारी रहेगा।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि कच्चे पाम तेल पर मानक सीमा शुल्क (बीसीडी) दर संशोधित कर दस प्रतिशत किया गया है। जो बुधवार से प्रभावी होगी।

कच्चे पाम तेल पर 10 प्रतिशत के मूल आयात शुल्क के साथ प्रभावी आयात शुल्क 30.25 प्रतिशत होगी, जिसमें उपकर और अन्य शुल्क शामिल होंगे। जबकि परिष्कृत पाम तेल के लिए यह बुधवार से 41.25 प्रतिशत होगा।

सीबीआइसी ने कहा, ‘‘यह अधिसूचना 30 जून, 2021 से प्रभावी होगी और 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी।’’

पाम तेल पर वर्तमान में मानक सीमा शुल्क (बीसीडी) 15 प्रतिशत है जबकि आरबीडी पाम ऑयल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम स्टीयरिन की अन्य श्रेणियों (क्रूड पाम ऑयल को छोड़कर) पर 45 प्रतिशत शुल्क लगता है।

सीबीआईसी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने कच्चे पाम तेल पर सीमा शुल्क 35.75 प्रतिशत से घटाकर 30.25 प्रतिशत और रिफाइंड पाम तेल पर 49.5 प्रतिशत से घटाकर 41.25 प्रतिशत कर दिया है। इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में कमी आएगी।’’

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा, ‘‘सरकार ने उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों को संतुलित करने की कोशिश की है। इससे गरीबों को तत्काल राहत मिलेगी, जबकि किसानों की रक्षा की जाएगी क्योंकि अक्टूबर में कटाई के मौसम के शुरू होने पर शुल्क फिर से बढ़ाया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि रिफाइंड पाम तेल के आयात शुल्क में कमी का ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि रिफाइंड तेल का आयात काफी कम होता है।

उद्योग निकाय एसईए के आंकड़ों के अनुसार कच्चे पाम तेल के उच्च शिपमेंट के चलते मई 2021 में भारत का पाम तेल का आयात 48 प्रतिशत बढ़कर 7,69,602 टन हो गया।

देश के कुल खाद्य तेल की खपत में पाम तेल का हिस्सा 60 प्रतिशत से अधिक है। भारत ने मई 2020 में 4,00,506 टन पाम ऑयल का आयात किया था। मई 2021 में देश का वनस्पति तेलों का कुल आयात 68 प्रतिशत बढ़कर 12.49 लाख टन हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 7.43 लाख टन था।

कच्चा तेल और सोने के बाद पामतेल भारत का तीसरा सबसे बड़ा आयात किया जाने वाला जिंस है। भारत खाद्य तेल का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश है, और मलेशिया और इंडोनेशिया सहित अन्य देशों से सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन खाद्यतेल खरीदता है।

सरकार ने इस माह की शुरुआत में पांम तेल सहित खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में भी 112 डालर प्रति टन तक कमी की थी। इससे भी घरेलू कीमतों को कम रखने में सहायक माना गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIPL Auction: सबसे महंगे अनकैप्‍ड प्‍लेयर Prashant Veer, 14.20 करोड़ में चेन्‍नई सुपर किंग्‍स ने खरीदा

भारतछत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प: 34 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण पर बोले सीएम साय

क्रिकेट14.20 करोड़ की बोली: कार्तिक शर्मा बने स्टार

विश्व7 सिस्टर्स को भारत से अलग कर देंगे: बांग्लादेश नेता की गीदड़ भभकी, असम के सीएम ने भी दिया करारा जवाब, VIDEO

क्रिकेटIPL 2026 Auction: कौन हैं औकिब नबी डार ? जम्मू और कश्मीर के ऑलराउंडर जिन्हें दिल्ली कैपिटल्स ने ₹8.40 करोड़ में खरीदा

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारयूपी में पीएम फसल बीमा योजना में हुआ करोड़ों का घोटाला?, खेत मालिक को पता नहीं, पर राशि हड़पी

कारोबारबिहार कैबिनेट बैठक में 7 निश्चय योजना 3.0 को मंजूरी, उद्योग-धंधा, रोजगार सृजन और नौकरी पर फोकस

कारोबारबिहार कैबिनेट बैठक में 7 निश्चय योजना 3.0 को मंजूरी, उद्योग-धंधा, रोजगार सृजन और नौकरी पर फोकस

कारोबारभोपाल-इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाः संचालन और रखरखाव के लिए 90 67 करोड़ रुपये, अपर नर्मदा, राघवपुर और बसानिया परियोजनाओं के लिए 1,782 करोड़ रुपये

कारोबारPetrol-Diesel Price: अमरावती में पेट्रोल की कीमत 109.74 रुपये प्रति लीटर और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 82.46 रुपये, आंध्र प्रदेश में सबसे महंगा