सरकार ने पिछली तिथि से कर मांग छोड़ने को कंपनियों के लिए नियमों का मसौदा जारी किया
By भाषा | Published: August 28, 2021 07:22 PM2021-08-28T19:22:00+5:302021-08-28T19:22:00+5:30
आयकर विभाग ने केयर्न एनर्जी और वोडाफोन पीएलसी जैसी कंपनियों के खिलाफ पिछली तिथि से कर की मांगों को छोड़ने की दिशा में कदम उठाते हुए शनिवार को नियमों का मसौदा जारी किया। मसौदे के अनुसार, कंपनियों को सरकार के खिलाफ सभी कानूनी मामलों को वापस लेने और साथ ही भविष्य में ऐसा कोई कदम ना उठाने से जुड़ा "अपरिवर्तनीय" शपथपत्र देना होगा। इससे पहले सरकार ने इस महीने की शुरुआत में पूर्व तिथि से कर लगाने संबंधी कानून के प्रावधान को निरस्त करने के लिए कराधान कानून (संशोधन) अधिनियम-2021 को लागू कर दिया था। इस कानून के तहत सरकार को 50 साल पुराने मामले में भी कर लगाने का अधिकार दिया गया था। यह कानून ऐसे मामलों में कर लगाने का अधिकार देता था जिनमें विदेशों में स्वामित्व में बदलाव हुआ हो लेकिन कारोबारी संपत्तियां भारत में ही स्थित हों। वर्ष 2012 के इस कानून का इस्तेमाल केयर्न एनर्जी पर 10,247 करोड़ रुपये और वोडाफोन पर 22,100 करोड़ रुपये सहित 17 कंपनियों पर कुल मिलाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये का कर लगाने के लिए किया गया था। ऐसी मांगों को छोड़ते हुए सरकार ने कंपनियों से लिए गए 8,100 करोड़ रुपये वापस करने की बात कही है। इसका एक बड़ा हिस्सा - 7,900 करोड़ रुपये - अकेले ब्रिटिश ऊर्जा कंपनी केयर्न एनर्जी के लिए देय है। यह तभी किया जाएगा जब संबंधित कंपनियां अपने द्वारा दायर सभी मौजूदा कानूनी मामलों को वापस लेने के साथ-साथ भविष्य में इस तरह का कदम ना उठाने का शपथपत्र देंगी।
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