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Gold Hallmarking: 55 नए जिलों में अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग का तीसरा चरण शुरू, अभी तक 343 जिलों में शुरू, जानें क्या है और कैसे करता है काम

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 8, 2023 14:32 IST

Gold Hallmarking: हॉलमार्किंग एक गुणवत्ता प्रमाणपत्र है, जिसे देश में 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषणों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

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ठळक मुद्देअभी तक 343 जिलों में इसकी शुरुआत हो गई है। सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू हो चुकी है और सभी जिलों में विस्तार करने की तैयारी है। एक जुलाई, 2022 से सोने के आभूषण (14, 18 और 22 कैरेट) और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

Gold Hallmarking: मोदी सरकार ने अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग पर फोकस करना शुरू कर दिया है। सरकार ने 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 55 नए जिलों में अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग का तीसरा चरण शुरू किया है। अभी तक 343 जिलों में इसकी शुरुआत हो गई है। 

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू हो चुकी है और सभी जिलों में विस्तार करने की तैयारी है। हॉलमार्किंग - एक गुणवत्ता प्रमाणपत्र की तरह है, जिसे एक जुलाई, 2022 से सोने के आभूषण (14, 18 और 22 कैरेट) और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ पंजीकृत आभूषण कारोबारियों की संख्या अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू होने के बाद लगभग चौगुनी हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक लाखों ज्वैलर्स ने हॉलमार्क वाले आभूषण बेचने के लिए बीआईएस के साथ पंजीकरण कराया है और देश में 976 बीआईएस मान्यता प्राप्त एएचसी संचालित हैं।

सोने की हॉलमार्किंग इस महंगी धातु की शुद्धता का प्रमाण होती है। यह 16 जून 2021 तक स्वैच्छिक था, जिसके बाद सरकार ने सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया। पहले चरण के क्रियान्वयन के बाद एक ‘परख एवं हॉलमार्क केंद्र (एएचसी)’ स्थापित किया गया है।

सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग सफलतापूर्वक लागू की, जहां हर दिन हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी) के साथ 3 लाख से अधिक स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्क लगाया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार बीआईएस के एक प्रावधान के तहत सामान्य उपभोक्ता भी बीआईएस द्वारा मान्यताप्राप्त एएचसी पर सोने के आभूषण की शुद्धता की जांच करा सकता है।

सोने के आभूषणों के बाद सरकार गोल्ड बुलियन (सोना सर्राफा) की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है और इस संदर्भ में वह दिशानिर्देशों के मसौदे के साथ तैयार हैं। बीआईएस ने एक सलाहकार समूह भी स्थापित किया है, जिसमें आभूषण, आयातकों, रिफाइनर और परख केंद्रों के प्रतिनिधित्व शामिल हैं।

बीआईएस के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई, 2022 से अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू होने के बाद से सोने की करोड़ से अधिक वस्तुओं की हॉलमार्किंग की गई है। भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता और और आयातक देश है। यहां सालाना करीब 700-800 टन सोने का आयात किया जाता है।

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