Gold Bullion Hallmarking: सोने के आभूषणों के बाद सोना सर्राफा की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की योजना, जानें क्या है मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2023 09:02 PM2023-03-06T21:02:27+5:302023-03-06T21:03:17+5:30
Gold Bullion Hallmarking: भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता और और आयातक देश है। यहां सालाना करीब 700-800 टन सोने का आयात किया जाता है।
Gold Bullion Hallmarking: भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने सोमवार को कहा कि सोने के आभूषणों के बाद सरकार गोल्ड बुलियन (सोना सर्राफा) की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है और इस संदर्भ में वह दिशानिर्देशों के मसौदे के साथ तैयार हैं।
हॉलमार्किंग - एक गुणवत्ता प्रमाणपत्र की तरह है जिसे एक जुलाई, 2022 से देश के 288 जिलों में सोने के आभूषण (14, 18 और 22 कैरेट) और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। तिवारी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अंशधारकों की मांग रही है कि सोने के आभूषणों की गुणवत्ता तभी सुनिश्चित की जा सकती है, जब बुलियन हॉलमार्क किया जाये।
हमने दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार कर लिया हैं। हमने परामर्श प्रक्रिया शुरू कर दी है।’’ उन्होंने कहा कि स्वर्ण बुलियन का उपयोग आभूषणों के निर्माण के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है और आभूषणों की बड़ी मात्रा को देखते हुए इसकी शुद्धता सर्वोपरि है।
तिवारी ने कहा कि बीआईएस ने एक सलाहकार समूह भी स्थापित किया है, जिसमें आभूषण, आयातकों, रिफाइनर और परख केंद्रों के प्रतिनिधित्व शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सलाहकार समूह मसौदे को देखेगा और सुझाव देगा कि क्या कोई बदलाव किया जाना है अथवा नहीं। इसके बाद, उसपर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी जाएंगी।’’
उन्होंने कहा कि हॉलमार्क वाले बुलियन से देश में निर्मित होने वाले सोने के आभूषणों की वांछित शुद्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। बीआईएस के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई, 2022 से अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू होने के बाद से सोने की 18 करोड़ से अधिक वस्तुओं की हॉलमार्किंग की गई है।
तिवारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अबतक लगभग 92.08 प्रतिशत नमूनों को बीआईएस रेफरल परख प्रयोगशालाओं द्वारा मंजूरी दे दी गई है। भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता और और आयातक देश है। यहां सालाना करीब 700-800 टन सोने का आयात किया जाता है।