आज से सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग लागू, अब सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के आभूषण ही बिकेंगे

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 15, 2020 04:47 AM2020-01-15T04:47:08+5:302020-01-15T04:47:08+5:30

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि देखने में आया है कि आभूषण निर्माता अभी 22 कैरेट की मोहर लगाकर सोने के गहने बेच रहे हैं. कई बार जांच में पता चलता है कि जितने कैरेट की मोहर लगी है उससे काफी कम कैरेट का गहना मिला है. हॉलमार्किंग के 4 निशान लगने पर ऐसी ठगी नहीं हो सकेगी.

From today Hallmarking is applicable on gold jewelery, now only 14, 18 and 22 carat jewelery will be sold | आज से सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग लागू, अब सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के आभूषण ही बिकेंगे

देश में केवल 14, 18 और 22 कैरेट की शिल्पाकृति और गहने ही मिलेंगे.

Highlightsआज से सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग बुधवार से पूरे देश में लागू होने जा रही है.इससे सोने के गहनों में मिलावट तय मात्रा से ज्यादा नहीं हो सकेगी.

आज से सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग बुधवार से पूरे देश में लागू होने जा रही है. इससे सोने के गहनों में मिलावट तय मात्रा से ज्यादा नहीं हो सकेगी. केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि आभूषण निर्माताओं को रजिस्ट्रेशन के लिए एक साल का समय दिया गया है.

इससे गहना बनाने वाले की भी पहचान हो सकेगी. देश में केवल 14, 18 और 22 कैरेट की शिल्पाकृति और गहने ही मिलेंगे. कोई तय मानक से ज्यादा खोट मिलाएगा तो उसे एक साल की जेल होगी या कम से कम एक लाख रुपए का जुर्माना देना होगा. अधिकतम जुर्माना राशि गहने की कीमत से 5 गुना ज्यादा भी हो सकती है.

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि देखने में आया है कि आभूषण निर्माता अभी 22 कैरेट की मोहर लगाकर सोने के गहने बेच रहे हैं. कई बार जांच में पता चलता है कि जितने कैरेट की मोहर लगी है उससे काफी कम कैरेट का गहना मिला है. हॉलमार्किंग के 4 निशान लगने पर ऐसी ठगी नहीं हो सकेगी.

उन्होंने कहा कि देश में दिसंबर-2019 तक 234 जिलों में 892 एसेईंग एवं हॉलमार्किंग सेंटर बनाए हैं. जहां आभूषण निर्माता अपने गहनों पर हॉलमार्किंग करा सकेंगे. एक गहने पर हॉलमार्किंग कराने पर 35 रुपए का खर्चा आता है. ग्राहक भी इन एसेईंग केंद्र पर जाकर अपने आभूषणों की जांच करा सकते हैं.

हर आभूषण निर्माता को चिह्न से मिलेगी अलग पहचान :

केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि देश में करीब 28000 आभूषण निर्माता हैं. जबकि ऐसा अनुमान है कि देश में करीब 3 से 4 लाख आभूषण निर्माता हैं. इन्हें रजिस्टर्ड करने के साथ एक पहचान चिह्न दिया जाएगा. स्वर्ण निर्माण के बाद जब व्यापारी अपने गहनों पर हॉलमार्किंग कराने जाएगा तो उसके गहनों पर उसका रजिस्ट्रेशन चिह्न भी लगेगा. जिससे खोट मिलने पर आभूषण निर्माता को आसानी से पकड़ा जा सके.

हॉलमार्किंग से ज्यादा खोट की गुंजाइश खत्म :

गहनों की हॉलमार्किंग होने से ग्राहकों को सही कैरेट का शुद्घ सोना मिलेगा. अगर कोई गहने बनाने वाला कम कैरेट के आभूषण बनाकर 22 कैरेट की मोहर लगवाने हॉलमार्किंग सेंटर पर जाएगा और जांच में गलत साबित होगा तो उसके आभूषणों पर 18 कैरेट की मोहर लगाई जाएगी या आभूषणों को पिघलाकर दोबारा बनाकर लाने के लिए कहा जाएगा. उपभोक्ता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है. आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए हर साल 700 से 800 टन सोने का आयात किया जाता है. फिलहाल देश में 40% आभूषणों पर ही हॉलमार्किंग की जाती है. नए हॉलमार्किंग नियमों के तहत देश के दूर-दराज के इलाकों में गहनों पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य रू प से लागू करने के लिए एक साल का वक्त दिया जाएगा.

गहनों पर रहेगी ऐसी मुहर:

बीआईएस के एक अधिकारी ने कहा कि 22 कैरेट अर्थात एक ग्राम सोने में 916 मिलीग्राम शुद्धता, 18 कैरेट यानि 750 मिलीग्राम शुद्धता एवं 14 कैरेट से आशय है 1000 मिलीग्राम सोने में 585 मिलीग्राम शुद्धता का होना है. आभूषण जितने कैरेट सोने का होगा उस पर उतने अंक के साथ अंग्रेजी का 'के' अक्षर वाली मुहर रहेगी. मसलन 22 कैरेट के लिए 22-के 916 की सील, बीआईएस का चिह्न और हॉलमार्किंग सेंटर का चिह्न लगेगा. ज्वेलर्स की पहचान वाली मुहर भी रहेगी. 

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