Freebies or Better Roads: मुफ़्त सुविधाएं या बेहतर सड़कें?, अरविंद पनगढ़िया के दो टूक बयान से छिड़ी बहस, आम जनता को तय करना...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 10, 2025 03:29 PM2025-01-10T15:29:51+5:302025-01-10T15:30:57+5:30
Freebies or Better Roads: पैसा परियोजनाओं के लिए दिया गया है, तो इसका उपयोग उन कार्यों के लिए ही किया जाना चाहिए।
पणजीः अर्थशास्त्री और 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि लोगों को यह तय करना है कि उन्हें मुफ्त की चीजें चाहिए या फिर वे बेहतर सड़कें, अच्छी जल निकासी व्यवस्था और बेहतर जलापूर्ति की सुविधा चाहते हैं। उन्होंने यहां आयोग के प्रतिनिधिमंडल और गोवा के शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों के बीच एक बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही। राज्यों के बुनियादी ढांचे के लिए आवंटित धन का कथित तौर पर मुफ्त चीजें बांटने के लिए उपयोग किए जाने के बारे में पूछे गये एक सवाल पर, पनगढ़िया ने कहा कि यदि पैसा परियोजनाओं के लिए दिया गया है, तो इसका उपयोग उन कार्यों के लिए ही किया जाना चाहिए। हालांकि, लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार ही अंतिम निर्णय करती है। उन्होंने कहा, ‘‘निर्णय वित्त आयोग नहीं करता है।
वित्त आयोग वृहद आर्थिक स्थिरता के हित में इस मुद्दे को उठा सकता है। आयोग सामान्य स्तर पर कुछ कह सकता है लेकिन यह नियंत्रित नहीं कर सकता कि राज्य राशि कैसे खर्च करें।’’ पनगढ़िया ने कहा कि जिम्मेदारी अंततः नागरिकों पर है, क्योंकि वे सरकारें चुनते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर नागरिक मुफ्त सुविधाओं पर आधारित सरकार के लिए वोट करते हैं, तो वे मुफ्त चीजें मांगेंगे।
अंततः, नागरिकों को यह तय करना चाहिए कि वे क्या चाहते हैं। क्या वे बेहतर सुविधाएं, बेहतर सड़कें, बेहतर जल निकासी सुविधा, बेहतर पानी चाहते हैं या फिर मुफ्त की चीजें चाहते हैं जिसमें आपके बैंक खातों में राशि का अंतरण भी शामिल है।’’ आयोग के सदस्यों के साथ बैठक के दौरान, गोवा के अधिकारियों ने केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के तहत तटीय राज्य के हिस्से को चार गुना बढ़ाने की मांग की।
बैठक में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और कई मंत्री शामिल हुए। पनगढ़िया ने कहा कि गोवा सरकार ने आयोग से अपनी हिस्सेदारी 0.38 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.76 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। यह व्यावहारिक रूप से गोवा की (वर्तमान) हिस्सेदारी का चार गुना है। वित्त आयोग के चेयरमैन ने कहा कि गोवा ने विभिन्न क्षेत्रों में 13 विशेष परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 32,706 करोड़ रुपये की भी मांग की है।
उन्होंने कहा कि गोवा ने सुझाव दिया कि राज्यों को केंद्र की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जानी चाहिए। पनगढ़िया ने कहा, ‘‘यह एक आम सुझाव है जो राज्यों से आती रहे हैं। गोवा 15वां राज्य है जिसका हम दौरा कर रहे हैं। 15 में से 14 राज्यों ने कहा है कि हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जानी चाहिए। एक राज्य ने सुझाव दिया है कि यह 45 प्रतिशत होनी चाहिए।’’