मारुति सुजुकी के पूर्व एमडी, वाहन उद्योग के दिग्गज जगदीश खट्टर का निधन

By भाषा | Updated: April 26, 2021 19:03 IST2021-04-26T19:03:35+5:302021-04-26T19:03:35+5:30

Former MD of Maruti Suzuki, automobile industry veteran Jagdish Khattar passes away | मारुति सुजुकी के पूर्व एमडी, वाहन उद्योग के दिग्गज जगदीश खट्टर का निधन

मारुति सुजुकी के पूर्व एमडी, वाहन उद्योग के दिग्गज जगदीश खट्टर का निधन

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के पूर्व प्रबंध निदेशक जगदीश खट्टर का सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके करीबी लोगों ने यह जानकारी दी।

पूर्व नौकरशाह खट्टर (79) को भारतीय मोटर वाहन उद्योग की दिग्गज हस्तियों में एक माना जाता रहा है। उन्होंने सरकार द्वारा 2002 में मारुति के विनिवेश की शुरुआत के बाद इस ऑटो कंपनी के भविष्य के विकास की नींव रखी। तब सरकार सुजूकी मोटर कार्पोरेशन (एसएमसी) के साथ इस संयुक्त उद्यम से बाहर निकल गई

वह जुलाई 1993 में तत्कालीन मारुति उद्योग लिमिटेड में निदेशक (विपणन) के रूप में शामिल हुए और अगले छह वर्ष के कार्यकाल में कार्यकारी निदेशक (विपणन) बन गए। इसके बाद 1999 में उन्हें संयुक्त प्रबंध निदेशक बनाया गया। यह वह साल था जब सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (एसएमसी) और सरकार के बीच कई मदभेद खड़े हो गये थे।

इस दौरान सरकार और कंपनी में जापानी भागीदार स्वामित्व और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसे विभिन्न मुद्दों पर आपस में उलझे हुए थे। खट्टर को औद्योगिक संबंधों के मुद्दों से भी निपटना पड़ा, जब कंपनी के गुरुग्राम संयंत्र में वर्ष 2000 में कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी और पेंशन जैसी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।

इसके बाद जब 2002 में एमडी नियुक्त करने की एसएमसी की बारी आई, तो उसने दोबारा खट्टर का नाम ही चुना। एमडी के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल मई 2002 में शुरू हुआ। उनका यह कार्यकाल 65 साल की आयु तक अथवा 2007 तक जो भी पहले होता तब तक के लिये था। आखिर वह 2007 में कंपनी के शीर्ष पद से सेवानिवृत हो गये।

मारुति सुजुकी के अध्यक्ष आर सी भार्गव ने खट्टर को बेहतरीन व्यक्ति बताया और उनके निधन को व्यक्तिगत तथा वाहन उद्योग के लिए बड़ा नुकसान करार दिया। भार्गव ने ही खट्टर को आईएएस का पद छोड़कर मारुति में शामिल होने के लिए राजी किया था।

भार्गव ने कहा कि खट्टर मारुति में शामिल होने से पहले नौकरशाह के रूप में ‘‘बहुत अच्छा काम कर रहे थे।’’

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘उन दिनों यदि कोई आईएएस अधिकारी किसी कंपनी में आना चाहता, तो उन्हें इस्तीफा देना होता, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी होती और सेवा करियर को छोड़ना पड़ता। आप प्रतिनियुक्ति पर नहीं जा सकते थे। इसलिए, मैंने उन्हें इस बात के लिए राजी किया।’’

भार्गव ने कहा, ‘‘उनकी बेहतरीन लंबी पारी रही और इस दौरान मारुति ने अच्छा किया। उन्होंने हड़ताल को अच्छी तरह संभाला, जो काफी हद तक राजनीति से प्रेरित हड़ताल थी।’’

उनके कार्यकाल में मारुति देश कयी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बन गई और वैश्विक स्तर की कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा होने के बावजूद भारत में कार बाजार में उसकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक पहुंच गई।

मारुति से सेवानिवृत होने के बाद खट्टर ने मल्टी ब्रांड कार सर्विस श्रृंखला ‘कारनेशन आटो’ शुरू की जिसमें कई जाने माने निजी इक्विटी निवेशकों ने निवेश किया। निवेश करने वालों में प्रेमजी इनवेस्ट और गाजा कैपिटल भी शामिल थे।

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