रूस को Fitch और Moody's से लगा तगड़ा झटका, एजेंसियों ने डाउनग्रेड की रेटिंग
By मनाली रस्तोगी | Published: March 3, 2022 01:25 PM2022-03-03T13:25:05+5:302022-03-03T13:35:43+5:30
रूस को रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडीज से तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, दोनों एजेंसियों ने रूस की सॉवरेन रेटिंग को घटाकर 'जंक' कर दिया है। इसके साथ ही मूडीज का कहना है कि इसके और डाउनग्रेड होने की संभावना है।
मॉस्को: रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडीज ने रूस को छह पायदान नीचे "जंक" स्थिति में यह कहते हुए डाल दिया कि पश्चिमी प्रतिबंधों ने कर्ज चुकाने की इसकी क्षमता पर संदेह किया और यह इसकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करेगा। इसके साथ ही मूडीज का कहना है कि इसके और डाउनग्रेड होने की संभावना है। रूस की सॉवरेन रेटिंग को फिच और मूडीज ने घटाकर 'जंक' कर दिया है।
#Moody's has downgraded #Russia by six notches to 'B3', with further downgrades possible
— NEXTA (@nexta_tv) March 3, 2022
Moody';s attributed #Putin's and his government's position to harsh sanctions as well as Russia's weak "institutional strength". pic.twitter.com/E71jlvKcaO
NEXTA के अनुसार, मूडीज ने कठोर प्रतिबंधों के साथ-साथ रूस की कमजोर "संस्थागत ताकत" के लिए व्लादिमीर पुतिन और उनकी सरकार की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, रॉयटर्स की रिपोर्ट कहती है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर लगाए गए प्रतिबंधों से रूस के वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल मच गई है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी यूरोपीय देश पर सबसे बड़ा हमला। आक्रमण ने क्रेडिट रेटिंग चालों की झड़ी लगा दी है और रूस की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के बारे में सख्त चेतावनी दी है।
S&P ने पिछले हफ्ते रूस की रेटिंग को घटाकर 'जंक' का दर्जा दिया था। बता दें कि फिच ने रूस को "बीबीबी" से "बी" में डाउनग्रेड किया और देश की रेटिंग को "रेटिंग वॉच नेगेटिव" पर रखा। वहीं, मूडीज (जिसने पिछले हफ्ते डाउनग्रेड की संभावना को हरी झंडी दिखाई थी) ने भी देश की रेटिंग में छह पायदान की कटौती करते हुए Baa3 से B3 कर दिया।
बता दें कि यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस के आर्थिक बाजार और शेयर बाजार में बेहद बड़ी गिरावट देखी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका सहित कई देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक बैन लगाए हैं। वहीं, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ब्रेंट स्पॉट के दाम सात साल के उच्चस्तर 105.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए थे। हालांकि, पश्चिमी देशों ने रूस पर जो प्रतिबंध लगाए हैं उसमें ऊर्जा को बाहर रखा गया है, जिससे तेल के दाम घटकर 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गए।