‘फेसलेस’ मूल्यांकन योजना से पारदर्शी प्रणाली सुनिश्चित होगी: सीआईआई सर्वे
By भाषा | Updated: August 15, 2021 15:05 IST2021-08-15T15:05:08+5:302021-08-15T15:05:08+5:30

‘फेसलेस’ मूल्यांकन योजना से पारदर्शी प्रणाली सुनिश्चित होगी: सीआईआई सर्वे
नयी दिल्ली, 15 अगस्त सरकार की अधिकारियों और करदाताओं के आमने-सामने आये बिना यानी फेसलेस मूल्यांकन योजना से दक्षता और पारदर्शिता में सुधार होगा, लेकिन ‘सिस्टम इंटरफेस’ और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं से जुड़ी कुछ समस्याओं का जल्द ही हल करने की जरूरत है। उद्योग मंडल सीआईआई के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी।
सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर लोगों ने कहा कि यह योजना कर अधिकारियों की ओर से हस्तक्षेप को कम करने और अवांछनीय गतिविधियों को कम करने के सरकार के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगी।
हालांकि, कई लोगों ने यह भी कहा कि कुछ सवाल अब भी बने हुए हैं और आने वाले दिनों में, सरकार को करदाताओं के साथ विश्वास के निर्माण के लिए सवालों के जवाब देने होंगे।
सर्वेक्षण के अनुसार, "कर प्रशासन और करदाताओं दोनों के सामने मौजूद कोविड से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद, सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 70 प्रतिशत से अधिक लोगों का फेसलेस मूल्याकंन का अनुभव शानदार था। यह योजना की सफल और समय पर शुरुआत को दर्शाता है।"
इन लोगों ने कहा कि योजना से उनका समय बचा जबकि पहले भौतिक रूप से यानी आमने-सामने बैठकर मूल्याकंन करने में समय लगता था।
उन्होंने कहा, "खासकर महामारी के समय में, यह सुविधा काफी उपयोगी रही है।"
फेसलेस मूल्यांकन प्रणाली के तहत करदाता को आयकर संबंधी काम के लिए विभाग जाने या विभाग के अधिकारी से मिलने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार ने 2019 में यह योजना शुरू की थी।
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