चीनी का निर्यात, एथनॉल बनाने वाली मिलों को नये सत्र में मिलेगा केन्द्र सरकार का प्रोत्साहन

By भाषा | Published: August 19, 2021 10:12 PM2021-08-19T22:12:06+5:302021-08-19T22:12:06+5:30

Export of sugar, mills making ethanol will get encouragement from the central government in the new session | चीनी का निर्यात, एथनॉल बनाने वाली मिलों को नये सत्र में मिलेगा केन्द्र सरकार का प्रोत्साहन

चीनी का निर्यात, एथनॉल बनाने वाली मिलों को नये सत्र में मिलेगा केन्द्र सरकार का प्रोत्साहन

केंद्र ने बृहस्पतिवार को चीनी मिलों के लिए अतिरिक्त घरेलू बिक्री कोटा के रूप में प्रोत्साहन की घोषणा की। अक्टूबर से शुरू होने वाले नए 2021-22 चीनी सत्र में चीनी का निर्यात करने वाली और अधिक एथनॉल का उत्पादन करने वाली चीनी मिलों को यह प्रोत्साहन दिया जायेगा। केन्द्र ने कहा कि चीनी मिलों को चीनी की वैश्विक कीमतों में आई तेजी का फायदा उठाने तथा नए सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में पहले से कच्ची चीनी के निर्यात की योजना बनाने के लिए कहा गया है। इससे संकेत मिलता है कि सरकार की तरफ से नये सत्र में निर्यात सब्सिडी को आगे बढ़ाने की संभावना नहीं है, क्योंकि मजबूत वैश्विक कीमतों को देखते हुए घरेलू चीनी मिलों के लिए विदेशों में चीनी बेचना आसान होगा। भारत दुनिया में चीनी का दूसरा बड़ा उत्पादक है। देश में बढ़ते चीनी भंडार को कम करने के लिये सरकार को पिछले दो वर्ष इसके निर्यात के लिये सब्सिडी की पेशकश करनी पड़ी। इससे नकदी की तंगी से जूझ रही चीनी मिलों को गन्ना उत्पादक किसानों के बकाये का भुगतान करने में मदद मिलने का रास्ता खुला। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ’‘चीनी मिलें जो चीनी का निर्यात करेंगी और इसके बजाय एथनॉल का उत्पादन करेंगी, उन्हें घरेलू बाजार में बिक्री के लिए अतिरिक्त मासिक कोटा आवंटन के रूप में प्रोत्साहन दिया जाएगा।’’ वर्तमान में सरकार, घरेलू बाजार में चीनी की बिक्री का मासिक कोटा तय करती है। मिलों को मासिक बिक्री के लिए औसतन 21 लाख टन का कोटा दिया जाता है। मंत्रालय के अनुसार, कुछ चीनी मिलों ने नए सत्र में निर्यात के अनुबंध किए हैं। पिछले एक महीने में विश्व बाजार में चीनी के दाम तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में भारतीय कच्ची चीनी की मांग बढ़ी है। इसी को ध्यान में रखते हुये मंत्रालय ने घरेलू चीनी मिलों से नये सत्र में कच्ची चीनी का निर्यात उद्देश्य से उत्पादन करने की योजना बनाने को कहा है। मंत्रालय ने चीनी मिलों से ‘‘चीनी की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमी और ऊंची कीमतों का लाभ उठाने के लिए आयातकों के साथ पहले से ही अनुबंध करने’’ को कहा है। चालू 2020-21 के चीनी सत्र में अब तक किए गए निर्यात के बारे में, मंत्रालय ने कहा कि चीनी मिलों ने अगले महीने समाप्त होने वाले इस सत्र के लिए निर्धारित 60 लाख टन के अनिवार्य कोटा के मुकाबले 70 लाख टन का निर्यात अनुबंध किया है। इसमें से 16 अगस्त तक 55 लाख टन से अधिक चीनी का निर्यात किया जा चुका है। चीनी मिलों ने वर्ष 2019-20 में 59.6 लाख टन, वर्ष 2018-19 में 38 लाख टन और वर्ष 2017-18 सत्र में केवल 6,20,000 टन चीनी का निर्यात किया। मंत्रालय ने कहा कि सरकारी उपायों के बाद चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में सुधार आने चीनी मिलों के 2019-20 सत्र के 75,703 करोड़ रुपये के गन्ने बकाया का भुगतान कर दिया गया। अब केवल 142 करोड़ रुपये का बकाया ही शेष है। जहां तक चालू 2020-21 चीनी सत्र की बात है मिलों ने लगभग 97,872 करोड़ रुपये की गन्ने की रिकॉर्ड खरीदारी की जिसमें से किसानों को लगभग 81,963 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। मंत्रालय के अनुसार, चीनी मिलों ने पिछले तीन सत्रों में एथनॉल की बिक्री से 22,000 करोड़ रुपये की कमाई की है। इस वर्ष 2020-21 में भी चीनी मिलों को एथनॉल की बिक्री से लगभग 15,000 करोड़ रुपये की आय हो रही है। इससे चीनी मिलों को किसानों के गन्ना बकाये का समय पर भुगतान करने में मदद मिली है।

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Web Title: Export of sugar, mills making ethanol will get encouragement from the central government in the new session

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