बैंकिंग प्रणाली में अत्यधिक तरलता, कई बैंकों की आवास ऋण दर एक दशक के निचले स्तर पर

By भाषा | Updated: March 7, 2021 17:04 IST2021-03-07T17:04:55+5:302021-03-07T17:04:55+5:30

Excessive liquidity in banking system, housing loan rate of many banks at a decade low | बैंकिंग प्रणाली में अत्यधिक तरलता, कई बैंकों की आवास ऋण दर एक दशक के निचले स्तर पर

बैंकिंग प्रणाली में अत्यधिक तरलता, कई बैंकों की आवास ऋण दर एक दशक के निचले स्तर पर

मुंबई, सात मार्च अत्यधिक तरलता के बीच सामान्य कर्ज की मांग वांछित स्तर से नीचे रहने के बीच देश के प्रमुख बैंकों ने अपनी आवास ऋण दरों को घटाकर एक दशक के निचले स्तर पर ला दिया है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं। इससे ग्राहकों के पास अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए कर्ज के कई विकल्प उपलब्ध हो गए हैं।

अत्यधिक तरलता की स्थिति के बीच बैंकों में ब्याज दर युद्ध छिड़ा हुआ है। केयर रेटिंग्स के अनुसार पिछले सप्ताह तक बैंकों के पास 6.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी थी।

अत्यधिक नकदी से बैंकों का मुनाफा प्रभावित होता है, क्योंकि उन्हें जमाकर्ताओं को इसके लिए ब्याज देना होता है। हालांकि, इसकी ब्याज दर अभी 2.5 प्रतिशत के निचले स्तर पर है।

इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक भी बैंकों से ब्याज दरों में नीतिगत दरों में आई कमी के अनुरूप कटौती के लिए दबाव बना रहा है। मार्च, 2020 से रिजर्व बैंक ने रेपो दर को दो प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत कर दिया है।

हालांकि, इसके बावजूद ऋण की मांग छह प्रतिशत से कम है।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में महामारी की वजह से आवास ऋण की वृद्धि घटी है। इसकी शुरुआत मार्च, 2020 से हो गई थी। जनवरी, 2020 में आवास ऋण की वृद्धि 17.5 प्रतिशत थी, जो जनवरी, 2021 में घटकर 7.7 प्रतिशत रह गई है।

मौजूदा परिदृश्य में आवास ऋण बैंकों के लिए सबसे सुरक्षित दांव है। इसमें गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) कम होती हैं। एसबीआई का आवास ऋण एनपीए सिर्फ 0.67 प्रतिशत है।

आवास ऋण के मामले में महामारी की वजह से ग्राहक भी लाभ की स्थिति में हैं। संपत्ति के दाम घटे हैं। वहीं कई राज्यों ने स्टाम्प शुल्क भी घटाया है। हालांकि, इसके बावजूद बैंक ऋण के लिए दरों में भिन्नता रख रहे हैं। ग्राहकों को कर्ज देने से पहले उनका ‘क्रेडिट स्कोर’ देखा जाता है।

एसबीआई और कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने आवास ऋण की दर घटाकर क्रमश- 6.7 प्रतिशत ओर 6.65 प्रतिशत कर दी है। हालांकि, इस दर पर सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को कर्ज मिलेगा, जिनका क्रेडिट स्कोर 800 या अधिक होगा। इसके अलावा एचडीएफसी को छोड़कर अन्य बैंकों की नयी दरें सिर्फ 31 मार्च तक हैं।

ब्याज दर युद्ध की शुरुआत देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने की थी। एसबीआई का आवास ऋण पांच लाख करोड़ रुपये है। कुल 14.17 लाख करोड़ रुपये के ऋण बाजार में एसबीआई की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत है। एसबीआई ने अपनी आवास ऋण दर को 0.10 प्रतिशत घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही उसने प्रोसेसिंग शुल्क में भी छूट दी है।

एसबीआई की उप प्रबंध निदेशक (खुदरा कारोबार) सलोनी नारायण ने कहा कि बैंक 31 मार्च तक 75 लाख रुपये का ऋण 6.7 प्रतिशत तथा इससे ऊपर का कर्ज 6.75 प्रतिशत ब्याज पर देगा। साथ ही इसपर कोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा यदि महिलाएं मोबाइल ऐप योनो के जरिये आवेदन करेंगी तो उन्हें अतिरिक्त 0.05 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

कोटक महिंद्रा बैंक ने भी अपनी आवास ऋण दर को 0.10 प्रतिशत घटाकर 6.65 प्रतिशत कर दिया है। कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा ऋण दर को घटाने के दो दिन बाद एचडीएफसी ने भी अपने नए और मौजूदा ग्राहकों के लिए आवास ऋण दर को असीमित अवधि के लिए 0.05 प्रतिशत घटाकर 6.75 प्रतिशत कर दिया था। बाद में एचडीएफसी ने आवास ऋण दर में 0.05 प्रतिशत की और कटौती की। साथ ही प्रोसेसिंग शुल्क को 3,000 रुपये निश्चित कर दिया।

इन बैंकों के बाद आईसीआईसीआई बैंक ने भी पांच मार्च को 75 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज दर को घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया। 75 लाख रुपये से अधिक के कर्ज के लिए ब्याज दर 6.75 प्रतिशत होगी।

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Web Title: Excessive liquidity in banking system, housing loan rate of many banks at a decade low

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