क्या बढ़ने वाली है EPF के लिए बेसिक सैलरी लिमिट? जानें आपको क्या होगा फायदा, फुल डिटेल यहां
By अंजली चौहान | Updated: November 22, 2025 05:52 IST2025-11-22T05:52:43+5:302025-11-22T05:52:43+5:30
EPFO Salary Limit: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक अहम फैसला लेने जा रहा है। वह मूल वेतन सीमा बढ़ाने जा रहा है।

क्या बढ़ने वाली है EPF के लिए बेसिक सैलरी लिमिट? जानें आपको क्या होगा फायदा, फुल डिटेल यहां
EPFO Salary Limit: भारत सरकार एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन में एक बड़ा बदलाव करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अभी, EPF में ज़रूरी एनरोलमेंट सिर्फ़ उन लोगों के लिए है जिनकी बेसिक सैलरी हर महीने Rs 15,000 तक है। Rs 15,000 से ज़्यादा कमाने वालों को जरूरी कवरेज से छूट मिलेगी। कंपनियों को भी उन्हें शामिल करने की कोई जरूरत नहीं है। इससे शहरी इलाकों में पेंशन कवरेज में कमी आ रही है क्योंकि एंट्री-लेवल सैलरी वाले भी इस लिमिट को पार कर रहे हैं।
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइज़ेशन ईपीएफ के लिए जरूरी सैलरी लिमिट बढ़ाने पर विचार कर रहा है। अभी लिमिट Rs 15,000 हर महीने है। पिछली बार यह लिमिट 2014 में Rs 6,500 से बढ़ाकर Rs 15,000 की गई थी। यह लिमिट तय करती है कि ईपीएफ और ईपीएस के लिए कौन एलिजिबल है। ज़्यादा वर्कर्स को रिटायरमेंट सिक्योरिटी देने की कोशिशों में यह एक अहम कदम है।
अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक, EPFO सैलरी लिमिट बढ़ाकर 25,000 रुपये किए जाने की संभावना है। इस प्रपोज़ल पर अगले साल की शुरुआत में EPFO सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज़ की मीटिंग में चर्चा होने की संभावना है। लेबर मिनिस्ट्री का अनुमान है कि अगर लिमिट 10,000 रुपये बढ़ाई जाती है, तो 1 करोड़ से ज़्यादा नए लोग EPF और EPS कवरेज के तहत आ जाएंगे। ट्रेड यूनियन भी लंबे समय से इस बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, क्योंकि 15,000 रुपये की लिमिट अब शहरी सैलरी को कवर करने के लिए काफ़ी नहीं है।
यह कदम देश में सोशल सिक्योरिटी बढ़ाने के सरकार के लक्ष्य के मुताबिक है। अटल पेंशन योजना से अब तक 8.3 करोड़ से ज़्यादा लोग जुड़ चुके हैं। इनमें आधी महिलाएं हैं। अभी भी देश में बहुत से लोगों के पास लाइफ इंश्योरेंस नहीं है, और रिटायरमेंट के लिए उनकी सेविंग्स भी कम हैं। अगर EPF लिमिट बढ़ाई जाती है, तो ज़्यादा लोग लॉन्ग-टर्म सेविंग्स में आएंगे। EPF में एम्प्लॉई की सैलरी का 12% EPF में जाता है। एम्प्लॉयर 12% कंट्रीब्यूट करता है। इसमें से 8.33% EPS और 3.67% EPF में जाता है। अगर लिमिट बढ़ाई जाती है, तो ये सभी बढ़ जाएंगे। इससे रिटायरमेंट सेविंग्स और पेंशन अमाउंट दोनों बढ़ जाएंगे।
इस बदलाव का आप पर असर इस तरह होगा। अगर आप 15,000 रुपये से ज़्यादा लेकिन 25,000 रुपये से कम कमाते हैं तो अब EPF और EPS ज़रूरी होगा। ज़रूरी सेविंग्स, 10 साल की नौकरी के बाद ज़िंदगी भर पेंशन, EPF पर ज़्यादा ब्याज जैसे फायदे मिलेंगे। अगर आप 25,000 रुपये से ज़्यादा कमाते हैं तो कोई सीधा असर नहीं होगा, लेकिन आपकी कंपनी ज़्यादा लोगों को EPF दे सकती है। अगर आप पहले से EPF मेंबर हैं, तो आपका EPF अमाउंट, जो 15,000 रुपये की बेस लिमिट की वजह से कम हो गया था, अब बढ़ जाएगा। इससे EPF अमाउंट, पेंशन अमाउंट, एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन, टैक्स-फ्री सेविंग्स बढ़ जाएंगी। अगर आप एम्प्लॉयर हैं, तो आपका खर्च बढ़ेगा, लेकिन एम्प्लॉइज की फ्यूचर सिक्योरिटी मजबूत होगी।
भारत में पेंशन कवरेज अभी भी कम है। लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ रही है, खर्चे बढ़ रहे हैं और सेविंग्स कम हो रही हैं। ऐसे समय में सैलरी लिमिट बढ़ाने से ज्यादा लोग पेंशन प्रोटेक्शन के तहत आएंगे। अभी, EPFO 26 लाख करोड़ मैनेज करता है, जिसमें 7.6 करोड़ एक्टिव मेंबर हैं। नई लिमिट सिस्टम को और मजबूत करेगी।
EPF सैलरी लिमिट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करना एक बड़ा रिफॉर्म है जिसका लंबे समय से इंतजार था। इससे ज्यादा एम्प्लॉइज पेंशन सिस्टम के तहत आएंगे, रिटायरमेंट के लिए ज्यादा पैसे जमा करेंगे और बुढ़ापे में बेहतर सिक्योरिटी मिलेगी। EPFO ट्रस्टी से मंज़ूरी मिलने के बाद, यह बदलाव लाखों कम और मध्यम आय वाले कर्मचारियों, खासकर शहरों में रहने वाले लोगों की ज़िंदगी में बदलाव लाएगा।