कंपनियों के खिलाफ 40,000 करोड़ रुपये के मामले वापस लेने पर विचार कर रहा है दूरसंचार विभाग
By भाषा | Updated: October 5, 2021 16:37 IST2021-10-05T16:37:51+5:302021-10-05T16:37:51+5:30

कंपनियों के खिलाफ 40,000 करोड़ रुपये के मामले वापस लेने पर विचार कर रहा है दूरसंचार विभाग
नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर सरकार दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ करीब 40,000 करोड़ रुपये के विवादों से जुड़ी कानूनी मामले वापस लेने पर विचार कर रही है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
सूत्र ने कहा कि इसके अनुरूप दूरसंचार विभाग ने अनिल अंबानी प्रवर्तित रिलायंस कम्युनिकेशंस के खिलाफ एक मामले में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर किया है ताकि मौजूदा अपील पर आगे बढ़ना है या नहीं, इस बारे में सोच-समझकर फैसला लिया जा सके।
विभाग ने कहा है कि दूरसंचार क्षेत्र विभिन्न परिस्थितियों के कारण वित्तीय संकट से गुजर रहा है और दूरसंचार सेवाप्रदाता घाटे में चल रहे हैं।
उसने भारतीय बैंक संघ के ज्ञापन का उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिकूल घटनाक्रमों से नाकामी, गायब होती प्रतिस्पर्धा, एकाधिकार, अस्थिर संचालन जैसी समस्याएं आ सकती हैं और यह बैंकिंग प्रणाली के लिए गंभीर नुकसान का कारण बन सकता है जो इस क्षेत्र को काफी ऋण देता है।
चार अक्तबूर के इस हलफनामे में कहा गया, "...केंद्र सरकार अपील की वर्तमान कार्यवाही के साथ आगे बढ़ने के अपने फैसला की समीक्षा करना और/या पुनर्विचार करना चाहती है। यह दलील है कि इसमें शामिल मुद्दे की प्रकृति को देखते हुए, यह फैसला विभिन्न स्तरों पर जांच के बाद लिया जाएगा जिसमें थोडा़ वाजिब समय लग सकता है।"
सरकार के अनुसार, मामलों में शामिल राशि के अनुसार विभिन्न दूरसंचार सेवाप्रदातों पर लगभग 40,000 करोड़ रुपये की वित्तीय देनदारी बनती है।
विभाग ने उच्चतम न्यायालय से तीन हफ्ते का समय मांगा है ताकि "केंद्र सरकार सोच-समझकर फैसला ले सके कि मौजूदा अपील पर आगे बढ़ना है या नहीं" और अनुरोध किया कि मामले में सुनवाई को सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया जाए।
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