Dhirubhai Ambani Birth Anniversary: धीरूभाई अंबानी की कहानी, जानें बिजनेस टाइकून और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बारे में...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 28, 2023 06:31 AM2023-12-28T06:31:09+5:302023-12-28T06:31:55+5:30
Dhirubhai Ambani Birth Anniversary: धीरूभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर, 1932 को चोरवाड, गुजरात में हुआ था। 6 जुलाई 2002 को निधन हो गया।
Dhirubhai Ambani Birth Anniversary: दुनिया की दिग्गज कंपनी में शामिल रिलायंस इंडस्ट्रीज रोज नई ऊंचाई को छूं रहा है। इसकी स्थापना धीरूभाई अंबानी ने की थी। धीरूभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर, 1932 को चोरवाड, गुजरात में हुआ था। घर की हालत ठीक न होने के कारण बीच में पढ़ाई छोड़ दी और यमन में एक पेट्रोल कंपनी पर काम की।
उनका जीवन भारतीय उद्यमियों की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य करता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूरदर्शी संस्थापक धीरूभाई ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की। धीरूभाई के पिता स्कूल शिक्षक थे। गुजरात के चोरवाड नामक साधारण गांव में पले-बढ़े थे। मेले में भजिया बेचने वाला लड़का कैसे यहां चक पहुंच गया।
यमन का अनुभव
1949 में 17 साल की उम्र में धीरूभाई ने अदन, यमन में अवसरों की तलाश शुरू की थी। शुरुआत में उन्होंने ए. बेसे एंड कंपनी के लिए डिस्पैच क्लर्क के रूप में काम किया। कंपनी बाद में शेल उत्पादों के लिए एक वितरक बन गई और धीरूभाई की ज़िम्मेदारियाँ बढ़ गईं, क्योंकि उन्होंने अदन के बंदरगाह पर तेल-भरने वाले स्टेशन का प्रबंधन किया। इस अनुभव ने रिफाइनरी स्थापित करने के उनके सपने को बढ़ावा दिया। यह सपना उनके पेट्रोकेमिकल उद्यम के माध्यम से साकार हुआ।
भारत वापसी और रिलायंस की स्थापना
1958 में धीरूभाई भारत लौट आए और अपना पहला व्यवसाय रिलायंस कमर्शियल कॉर्पोरेशन एक मसाला व्यापार कंपनी शुरू की। यार्न व्यापार में संभावनाओं को पहचानते हुए उन्होंने 1962 में अपने व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित किया और इसका नाम बदलकर रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड रख दिया। कंपनी की यात्रा 1966 में नरोदा गुजरात में एक कपड़ा मिल की स्थापना के साथ शुरू हुई।
रिलायंस टेक्सटाइल्स आईपीओ
1977 में रिलायंस सार्वजनिक हो गया। भारत के पूंजी बाज़ार में एक महत्वपूर्ण क्षण था। धीरूभाई ने सफलतापूर्वक मध्यम वर्ग के निवेशकों से अपील की। ऐसा जनसांख्यिकीय वर्ग जो परंपरागत रूप से शेयर बाजारों से दूर रहता था। आईपीओ की सफलता ने जनता का विश्वास और समर्थन हासिल करने की उनकी क्षमता को प्रदर्शित किया।
पेट्रोकेमिकल उद्यम
धीरूभाई ने 1991 में पेट्रोकेमिकल व्यवसाय में कदम रखा और पेट्रोकेमिकल विनिर्माण के लिए रिलायंस हजीरा की स्थापना की। हजीरा परियोजना भारत में किसी एक स्थान पर निजी क्षेत्र के समूह द्वारा सबसे बड़े निवेश का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने जामनगर रिफाइनरी की कल्पना की। दुनिया की सबसे बड़ी जमीनी स्तर की रिफाइनरी बन गई।
धीरूभाई अंबानी का निधन
धीरूभाई अंबानी का 6 जुलाई 2002 को निधन हो गया। उनकी विरासत रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड फॉर्च्यून 500 कंपनी में शामिल हुई। व्यापार और उद्योग में उनके असाधारण योगदान के सम्मान में उन्हें मरणोपरांत 2016 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण प्राप्त हुआ।