दिल्ली प्रदूषण नियंत्रणः 14 अक्टूबर से 15 दिसंबर के बीच 1,56,993 चालान, प्रत्येक पर 10000 रुपये का जुर्माना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 19, 2025 11:26 IST2025-12-19T11:25:05+5:302025-12-19T11:26:07+5:30

Delhi pollution control: वर्ष 2023 में 2.32 लाख से बढ़कर 2024 में 5.98 लाख और 2025 में 15 दिसंबर तक यह संख्या बढ़कर 8.22 लाख हो गई।

Delhi pollution control 1,56,993 challans October 14 and December 15 action against vehicles without valid PUC certificate increases 3 fold in 3 years Each was fined Rs 10,000 | दिल्ली प्रदूषण नियंत्रणः 14 अक्टूबर से 15 दिसंबर के बीच 1,56,993 चालान, प्रत्येक पर 10000 रुपये का जुर्माना

सांकेतिक फोटो

Highlightsप्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना था।8.22 लाख चालानों में से एक महत्वपूर्ण हिस्सा इसी श्रेणी का था।1.80 लाख वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी गई।

Delhi: दिल्ली में पिछले दो महीनों में वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र के बिना वाहन चलाने वाले लोगों को 1.56 लाख से अधिक चालान जारी किए गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण संबंधी उपायों को तेज किया गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना वाहनों के खिलाफ कार्रवाई तीन गुना से अधिक बढ़ गई है। वर्ष 2023 में 2.32 लाख से बढ़कर 2024 में 5.98 लाख और 2025 में 15 दिसंबर तक यह संख्या बढ़कर 8.22 लाख हो गई।

कुल मिलाकर, इस वर्ष 14 अक्टूबर से 15 दिसंबर के बीच जीआरएपी (चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना) अवधि के दौरान 1,56,993 चालान जारी किए गए, जिनमें से प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना था। पंद्रह दिसंबर 2025 तक इस श्रेणी के अंतर्गत जारी किए गए 8.22 लाख चालानों में से एक महत्वपूर्ण हिस्सा इसी श्रेणी का था।

प्रवर्तन एजेंसियों ने निर्माण एवं ध्वस्तीकरण (सी एंड डी) अपशिष्ट उल्लंघनों के खिलाफ भी कार्रवाई की। जीआरएपी अवधि के दौरान, मलबे और संबंधित सामग्री को उचित आवरण के बिना परिवहन करने के लिए 545 चालान काटे गए। यह एक ऐसा अपराध है जिसके लिए 20,000 रुपये का जुर्माना है।

आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि दिल्ली की सीमाओं पर वाणिज्यिक और मालवाहक वाहनों की कड़ी निगरानी की जा रही है। जीआरएपी चरण के दौरान, 2.90 लाख गैर-निर्दिष्ट मालवाहक वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 8,682 को वापस भेज दिया गया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों के तहत, एक नवंबर से 15 दिसंबर तक बीएस-तीन और उससे नीचे के डीजल वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए प्रवर्तन टीमों ने 1.83 लाख वाहनों की जांच की। इनमें से 1.80 लाख वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी गई,

जबकि 3,393 को वापस भेज दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के भीतर कुल 429 ऐसे वाहनों का चालान किया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं, प्रमुख सड़कों और प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में जांच तेज कर दी गई है और जीआरएपी मानदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे विशेष टीमें तैनात की गई हैं। 

Web Title: Delhi pollution control 1,56,993 challans October 14 and December 15 action against vehicles without valid PUC certificate increases 3 fold in 3 years Each was fined Rs 10,000

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